बिलासपुर। सिम्स (SIMS) अस्पताल, बिलासपुर के अस्थि रोग विभाग में लगातार हो रहे घुटना और कूल्हे के जोड़ों के प्रत्यारोपण गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए जीवन का संबल बनते जा रहे हैं। हाल ही में 40 वर्षीय सोन लोहरसी, बिलासपुर निवासी का सफल कूल्हा प्रत्यारोपण किया गया है।
मरीज लंबे समय से दाएं कूल्हे में दर्द के कारण चलने, बैठने और दैनिक कार्य करने में असमर्थ थे। 20 जुलाई 2025 को उन्होंने सिम्स के अस्थि रोग विभाग में परामर्श लिया। जांच और एक्स-रे में पाया गया कि उनका दायां कूल्हा पूरी तरह खराब हो चुका है। विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. तरूण सिंह ठाकुर ने कूल्हा प्रत्यारोपण की सलाह दी।
फिटनेस जांच के बाद 2 सितंबर को मरीज का ऑपरेशन किया गया। यह ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण जरूर था, लेकिन ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ है, दर्द से मुक्त है और अब चलने-फिरने में सक्षम है।
ऑपरेशन टीम का नेतृत्व सहायक प्राध्यापक डॉ. तरूण सिंह ठाकुर ने किया। टीम में डॉ. प्रमोद जायसवाल, डॉ. रवि महोबिया, डॉ. सोमेश शुक्ला और पीजी रेसिडेंट शामिल रहे। विभागाध्यक्ष डॉ. ए. आए. बेन के मार्गदर्शन में यह प्रक्रिया पूरी हुई।
एनेस्थिसिया टीम में विभागाध्यक्ष डॉ. मधुमिता मूर्ति, डॉ. मिल्टन, डॉ. श्वेता, डॉ. भावना और उनकी टीम शामिल थीं। ऑपरेशन के बाद दर्द नियंत्रण में एनेस्थिसिया टीम का विशेष योगदान रहा। वहीं नर्सिंग टीम का नेतृत्व योगेश्वरी ने किया।
यह ऑपरेशन आयुष्मान कार्ड के माध्यम से पूरी तरह निःशुल्क किया गया। इस सुविधा को उपलब्ध कराने में अधिष्ठाता डॉ. आर. मूर्ति और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह की अहम भूमिका रही।
उपलब्धियां
पिछले दो वर्षों में सिम्स अस्पताल ने आयुष्मान योजना के अंतर्गत 35 कूल्हा प्रत्यारोपण और 25 घुटना प्रत्यारोपण निःशुल्क किए हैं। ये उपलब्धियां प्रदेश के गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं।