छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने शुक्रवार को लंबे समय से प्रतीक्षित संगठनात्मक फेरबदल करते हुए प्रदेशभर की जिला कांग्रेस कमेटियों में बड़े पैमाने पर बदलाव की घोषणा कर दी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) द्वारा जारी नई सूची में 41 शहर और ग्रामीण जिला अध्यक्षों के नाम शामिल हैं। यह फेरबदल 2026 की राजनीतिक तैयारियों और संगठन की मजबूती के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जारी सूची में बिलासपुर शहर का नेतृत्व अब सुधांशु मिश्रा के हाथों में होगा, जबकि बिलासपुर ग्रामीण कांग्रेस की कमान महेंद्र गंगोत्री को सौंपी गई है। दोनों नेताओं को जिले में संगठन को नई दिशा और गति देने की जिम्मेदारी मिली है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिलासपुर कांग्रेस के लिए यह बदलाव बेहद संवेदनशील समय पर आया है, जहाँ संगठन को पुनर्गठन और ग्रासरूट पर मजबूत पकड़ की आवश्यकता है।
बदलाव के बाद पार्टी का फोकस बूथ लेवल पर नेटवर्क विस्तार, युवा और महिला कार्यकर्ताओं की सक्रियता बढ़ाने और स्थानीय मुद्दों पर मजबूत आवाज उठाने पर रहने वाला है। सुधांशु मिश्रा शहर में कांग्रेस की नई रणनीतिक पहचान और जुड़े हुए मोर्चों को मजबूत करने पर काम करेंगे, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में महेंद्र गंगोत्री किसानों, मज़दूर वर्ग और गांव-स्तरीय संगठन को सक्रिय करने पर जोर देंगे।
राज्य में राजनीतिक माहौल तेजी से बदल रहा है। ऐसे में संगठनात्मक ढांचे को मजबूत रखना कांग्रेस के लिए प्राथमिकता है। नवीन नेतृत्व से कार्यकर्ताओं में नई उम्मीदें जागी हैं, लेकिन जिले में संगठन को एकजुट रखना, गुटबाजी पर नियंत्रण और आगामी चुनावी रणनीति को जमीन पर उतारना दोनों अध्यक्षों के लिए सबसे बड़ी परीक्षा होगी।
पार्टी पदाधिकारियों ने नए अध्यक्षों पर विश्वास जताया है और उम्मीद जताई है कि यह फेरबदल कांग्रेस को ऊर्जावान और अधिक सक्रिय बनाते हुए जनसंवाद को मजबूत करेगा। आने वाले महीनों में संगठन की गतिविधियों, जनसंपर्क कार्यक्रमों और विभिन्न मोर्चों की पुनर्संरचना पर इन दोनों नेताओं की भूमिका अहम रहने वाली है।
यह संगठनात्मक बदलाव संकेत देता है कि कांग्रेस अब पूरी तरह भविष्य की राजनीतिक लड़ाई के लिए तैयारी मोड में है, और बिलासपुर में यह नई शुरुआत पार्टी के लिए नई राह तय कर सकती है।



