बिलासपुर। प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मी और रणनीति को देखते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में कोटा विधानसभा क्षेत्र से अजीत जोगी चुनाव लड़ सकते है…?
छत्तीसगढ़ प्रदेश में होने वाले आगामी चुनाव में जहाँ भाजपा और कांग्रेस सत्ता स्थापित करने के लिए लगातार रणनीति बना रहे है, वही राज्य में आम आदमी पार्टी और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) भी पीछे नही है। राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में काफी उलटफेर और घमासान होने की संभावनाएं बनती जा रही है। जहाँ एक ओर प्रदेश की भाजपा सरकार विधानसभा चुनाव में 66 से ज्यादा सीट अर्जित करने का दावा कर चुकी है, वही प्रदेश कांग्रेस सत्ता में आने के लिए पुरजोर प्रयासरत है। जबकि कांग्रेस से नाखुश होकर नई क्षेत्रीय पार्टी बनाने वाले राज्य के प्रथम मुख्य मंत्री अजीत जोगी अपनी चुनावी रणनीति के साथ परिवार और कार्यकर्ताओं के दमपर भाग्य आजमाने को तैयार है। जहा उन्होंने प्रदेश में 11 विधानसभा प्रत्याशियों की पहली सुंची घोषित भी कर चुकी है। चुनावी माहौल को देखते हुए सबकी नजरें बिलासपुर जिले के कोटा विधानसभा क्षेत्र में लगी हुई है। जहाँ आजाद भारत के बाद से कोटा विधानसभा में कांग्रेस के ही प्रत्याशी निर्वाचित होकर जीत दर्ज करते रहे है। लेकिन आगामी वर्ष में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में अगर कोटा क्षेत्र से नवगठित राजनैतिक पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के जनक अजीत जोगी चुनाव लड़ते है तो चुनावी मुकाबले के परिणामो पर अटकलों का दौर शुरू हो जाएगा। सूत्रों की माने तो अजीत जोगी प्रदेश की दो विधनसभा से अपनी उम्मीदवारी कर सकते है,जिसमे मुख्यरूप से कोटा विधानसभा क्षेत्र रहेगा क्योंकि 67 सालो से कोटा विधानसभा क्षेत्र में केवल कांग्रेस के चुने गए उम्मीदवार ही निर्वाचित हुए है जिस कारण इसे कांग्रेस का अभेद किला माना जाता है,जहाँ वर्तमान विधायक एवं कोटा की पहली महिला कांग्रेस विधायक डॉ. रेणु जोगी ने 2008 व 2013 में धमाकेदर जीत दर्ज कराई है।परंतु वर्तमान समय मे प्रदेश कांग्रेस कमेटी से अनबन की वजह से उन्हें किसी अन्य विधानसभा से उम्मीदवार बनाये जाने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे माहौल में अगर कांग्रेस कोटा से डॉ. रेणु जोगी को टिकट नही देती है तो कांग्रेस के किले में सेंध लगाने अजीत जोगी चुनावी मैदान में उतरकर अपना संदेश दिल्ली तक पहुंचा सकते है। यदि सचमुच में ऐसा होता है और अजीत जोगी आगामी चुनाव कोटा से जीत जाते है तो यह इतिहास बदलने वाली बात होगी।
मालूम हो कि जिले में कोटा विधानसभा ही इकलौती सीट है जहां 67 सालों से सिर्फ कांग्रेस का ही कब्जा है। 1952 से लेकर अब तक यहां 14 चुनावों में केवल कांग्रेस को ही जीत हासिल हुई है। 1952 से 1962 तक यहां सर्वप्रथम काशीराम तिवारी विधायक रहे। जिनके बाद 1962 में लाल चंद्रशेखर सिंह जी, 1967 से 80 तक 4बार मथुरा प्रसाद दुबे जी, 1985 से राजेंद्र प्रसाद शुक्ल जी 5 बार विधायक चुने गए और 2008 से वर्तमान वर्तमान तक 2बार यहां कांग्रेस से विधायक डॉ. रेणु जोगी ने जीत दर्ज की है। यही वजह है कि इसे कांग्रेस का किला माना जाता है।