बिलासपूर। वन विभाग की लापरवाही के चलते वन्य प्राणियों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। वन्य पशुओं के नाम पर विभाग सिर्फ कागजों में करोड़ो रुपये खर्च करता नजर आ रहा है। लगातार मौतों से भी विभाग सबक नही ले रहा है। सूचना मिलने के बाद भी जंगल से भटके वन्य पशुओं के इलाज कर उनकी जिंदगी बचाने में जिम्मेदार दिलचस्पी नही ले रहे है।
वन विभाग की लारवाही के चलते आज फिर एक चीतल की मौत हो गई है। मामला रतनपुर के पौड़ी गाव का है जहाँ पानी की खोज में भटकता चीतल गाव पहुच गया गाव में चीतल पर कुत्तों ने हमला कर घायल कर दिया। ग्रामीणों ने किसी तरह जख्मी चीतल को कुत्तों से बचाकर तत्काल सुचना डिप्टी रेंजर देवी कुर्रे को दी लेकिन डिप्टी रेंजर ने चीतल को बचाने के लिए न तो कोई टीम को मौके पर भेजा और न ही चीतल को बचाने का प्रयास किया।
समय पर इलाज नही मिलने के चलते घायल चीतल की मौत हो गई। जिसके बाद ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति काफी आक्रोश है। वही विभाग पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार का राग फिर एक बार आलाप रहा है। वही विभाग के डीएफओ का इस घटना को गंभीर लापरवाही माना है और जांच कर दोषियो पर सख्त कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। बरहाल देखना होगा कि कई वन प्राणियों की मौत को दबा कर हर बार दोषियो को बचाने वाले जिमेदार इस बार क्या कार्यवाही करते है।