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देश

Lok sabha election 2019: ईवीएम के खुलने से लेकर बंद होने तक जानें मतगणना की पूरी प्रक्रिया

दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक चुनावी प्रक्रिया के परिणाम जानने का समय आ गया है। देश की 542 सीटों पर हुए मतदान का परिणाम हमें गुरुवार मतलब आज से मिलना शुरू हो जाएगा। आइए जानते हैं कि ईवीएम के डिब्बे से बाहर निकलने से लेकर वापस डिब्बे के अंदर जाने तक मतगणना की पूरी प्रक्रिया को।

पहला चरण

-कंट्रोल यूनिट के नंबर का गुलाबी पेपर सील व हरे पेपर सील नंबर से मिलान
-मिलान के साथ पार्टियों के र्पोंलग एजेंटों को भी ये नंबर दिखाए जाते हैं
-ईवीएम की तारीख और समय को भी रिकॉर्ड से मिलान कराया जाता है

दूसरा चरण

-मतगणना में सबसे पहले डाक मत पत्रों की गिनती शुरू की जाती है।

तीसरा चरण

-30 मिनट बाद ईवीएम मशीनों से वोटों की गिनती शुरू होती है
-मशीन को ऑन कर परिणाम बटन पर लगी सील को तोड़ा जाता है
-परिणाम बटन दबाकर किसे कितने वोट मिले, जाना जाता है

चौथा चरण

-पहला राउंड के बाद चुनाव अधिकारी रुझानों की जानकारी देता है
-40 मिनट तक का समय लग जाता है पहला राउंड पूरा होने में
-12-13 मशीनों के मतों की गिनती पहले राउंड में की जाती है

पांचवा चरण

-एक राउंड पूरा होने के बाद ईवीएम को फिर सील कर दिया जाता है
-पोलिंग एजेंटों के सामने रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) व प्रेक्षक हस्ताक्षर करते हैं
-किसी के आपत्ति दर्ज कराने के लिए आरओ दो मिनट का इंतजार करता है
-इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर परिणाम चुनाव आयोग को भेज देता है

छठा चरण

-मतगणना पूरी होने के बाद फॉर्म-20 में अंतिम परिणाम तैयार किया जाता है
-ईवीएम को उन्हीं स्ट्रांग रूम में रख दिया जाता है, जहां से उन्हें लाया गया था

डेढ़ महीने तक सहेजी जाती है ईवीएम

-45 दिन के चुनाव याचिका समय के पूरे होने तक स्ट्रॉन्ग रूम को बंद रखा जाता है
-45 दिन बीतने के बाद इन्हें फिर से प्रयोग करने के लिए तैयार किया जा सकता है
-ऐसा करने से पहले सभी प्रत्याशियों को 48 घंटे स्ट्रॉन्ग रूम के खुलने के वक्त मौजूद रहने की सूचना देनी होती है
-जिला निर्वाचन अधिकारी और सभी राजनीतिक दलों की मौजूदगी में इसे खोला जाता है
-इसके बाद ईवीएम को फिर से उपयोग करने के लिए तैयार किया जाता है

-मतगणना शुरू होने के एक घंटे के भीतर पहला रुझान आने की संभावना
-आधी रात के बाद तक इंतजार करना पड़ सकता है अंतिम नतीजा जानने के लिए

वीवीपैट के लिए व्यवस्था

-एक टेबल को वीवीपैट कार्उंंटग बूथ (वीसीबी) के लिए सुरक्षित रखा जाएगा
-इस टेबल को बैंक कैशियर केबिन की तरह तैयार किया जाएगा ताकि वीवीपैट पर्ची को कोई अन्य चुरा न ले
-हर विधानसभा क्षेत्र से 5-5 बूथों की वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम के परिणाम से मिलान कराया जाएगा
-इस प्रक्रिया में 4-5 घंटे लग सकते हैं

मतगणना के दिन

-14 टेबल तक लगाई जाती हैं एक हॉल के भीतर
-प्रत्येक टेबल पर सील तोड़ने के लिए छोटा चाकू, लाउडस्पीकर और ब्लैकबोर्ड होता है
-एक-एक अतिरिक्त टेबल रिटर्निंग ऑफिसर और ऑब्सर्वर के लिए
-16 कार्उंंटग एजेंट तैनात किए जा सकते हैं एक केंद्र पर प्रत्याशी द्वारा

इन्हें ही अनुमति

-सिर्फ रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ), मतगणना कर्मी, उम्मीदवार, र्पोंलग एजेंट, कार्उंंटग एजेंट, चुनाव आयोग के अधिकारी और ड्यूटी पर तैनात सरकारी अधिकारियों को ही मतगणना केंद्र के भीतर जाने की अनुमति होती है।
-चुनाव आयोग के प्रेक्षक को छोड़कर किसी को भी मोबाइल फोन रखने की अनुमति नहीं होती।

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