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केरल मर्डर मिस्ट्री: परिवार के 6 लोगों की हत्या करने वाली महिला की ‘डॉक्टर डेथ’ से क्यों हो रही तुलना?

केरल। केरल में इस वक्त हर कोई एक बड़े हत्या कांड से डरा हुआ है। जिसमें एक महिला ने 2002 से लेकर 2016 तक अपने ही परिवार के 6 लोगों की हत्या कर दी। सभी की मौत कुछ खाने के थोड़ी देर बाद ही अचानक गिरने से हो गई। मामला राज्य के कोझीकोड में स्थित कूडाथाई का है।

पुलिस का कहना है कि इन सभी 6 लोगों की मौत समान परिस्थितियों में हुई थी। पुलिस को इन लोगों की मौत पर संदेह तब हुआ जब इनके रिश्तेदारों में से एक ने उन्हें सतर्क किया। पुलिस ने इन हत्याओं के आरोप में मृतकों में से एक रॉय थॉमस की पत्नी जॉली अम्मा जोसेफ (47) को गिरफ्तार किया है।

जो दो बच्चों की मां है और उसने रॉय की मौत के बाद उसके कजिन शाजु से शादी कर ली थी। रविवार को जॉली को हिरासत में लिया गया, जहां उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने कहा है कि इनमें से अधिकतर हत्याएं उसने संपत्ति के लिए कीं, जबकि कुछ जुनून और गुस्से में आकर की हैं।

सबसे पहले परिवार की सदस्य अनम्मा थॉमस की मौत साल 2002 में हुई। फिर अनम्मा के पति की मौत छह साल बाद 2008 में हुई। इसके बाद उनके बेटे रॉय थॉमस की मौत 2011 में हुई, फिर अनम्मा के भाई मैथ्यू की मौत 2014 में हुई। ये मौत का सिलसिला रुका नहीं बल्कि जारी रहा।

परिवार के चार लोगों की मौत के बाद साल 2014 में ही दो अन्य रिश्तेदार जिनमें एक महिला और एक साल का एक बच्चा शामिल है, की भी समान परिस्थितियों में मौत हो गई। केवल रॉय थॉमस का ही पोस्टमार्ट हो पाया था। जिसमें उसके पेट से जहरीला पदार्थ मिला था। पुलिस ने रॉय की मौत को आत्महत्या बताया था।

पुलिस का कहना है कि जॉली का मामला ब्रिटेन में दो दशक पहले हुए एक मामले जैसा ही है। उसने सबकी हत्या वैसे ही की है, जैसे ब्रिटेन में एक डॉक्टर ने अपने मरीजों की हत्या की थी। इस मामले पर बात करते हुए कोझीकोड के एसपी केजी सिमन ने कहा कि जॉली ने ब्रिटेन के डॉक्टर हैरॉल्ड शिपमैन की तरह ही इन वारदातों को अंजाम दिया है। इस डॉक्टर को अपने 15 मरीजों की हत्या करने पर साल 2000 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

लेकिन माना जाता है कि इसने 250 लोगों की हत्या की थी। उसने आखिरी बार 1998 में अपनी मरीज कैथलीन ग्रैंडी की हत्या की थी। ग्रैंडी के परिवार को शक हुआ और उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस को की। तब डॉक्टर की उम्र 52 साल थी। परिवार का कहना था कि ग्रैंडी के आखिरी पलों में डॉक्टर ही उसके साथ था। बाद में उसका सारा राज खुल गया।

जहां जॉली लोगों को मारने के लिए जहरीला पदार्थ साइनाइड देती थी, वहीं ये डॉक्टर हीरोइन की अधिक मात्रा दे देता था। बाद में साल 2004 में अपने 58वें जन्मदिन के अवसर पर डॉक्टर ने कड़ी सुरक्षा वाली जेल में आत्महत्या कर ली थी। इस डॉक्टर को ‘डॉक्टर डेथ’ कहा जाता है।

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