बिहार के सीमांचल क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राज्य सरकार बचाव एवं राहत कार्य का दावा कर रही है, लेकिन कई क्षेत्रों में अब तक राहत कार्य नहीं पहुंचने की शिकायत मिल रही है। इस बीच राज्य की प्रमुख नदियां बुधवार को भी कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य के 13 जिलों के 98 प्रखंडों के करीब 70 लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में है। आपदा नियंत्रण कक्ष के अनुसार, राज्य के पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर जिले के 98 प्रखंड की 1,070 ग्राम पंचायतों की 70 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है।
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बिहार की कई प्रमुख नदियां अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। हालांकि राहत वाली बात यह है कि कोसी और गंडक के जलस्तर में कमी देखी जा रही है।
नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता शेषनाथ सिंह ने बुधवार को आईएएनएस को बताया कि सुबह आठ बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 1.66 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया था, जो 10 बजे घटकर 1.64 लाख क्यूसेक हो गया। वाल्मीकिनगर बैराज में गंडक का जलस्तर सुबह 10 बजे 1.66 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि दोनों नदियों के जलस्तर में कमी की संभावना है।
इधर, बागमती नदी डूबाधार, चंदौली, सोनाखान, ढेंग और बेनीबाद में, जबकि कमला बलान नदी झंझारपुर और जानकीबियर क्षेत्र में खतरे के निशान को पार कर गई है। अधवारा समूह की नदियां भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। महानंदा ढेंगराघाट और झाबा में लाल निशान के ऊपर बह रही है।
इस बीच, बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। उनके साथ उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी होंगे।
बाढ़ के कारण कई प्रखंडों का सड़क सपंर्क जिला मुख्यालयों से कट गया है। सड़कों पर बाढ़ का पानी बह रहा है।
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक राज्यभर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में 343 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिनमें 93 हजार से ज्यादा बाढ़ पीड़ित शरण लिए हुए हैं और करीब ढाई लाख लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। बाढ़ की चपेट में आने से अब तक 56 लोगों की मौत हो चुकी है।
विभाग के एक अधिकारी ने दावा किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य युद्घस्तर पर चलाए जा रहे हैं। उन्होंने हालांकि कहा कि बाढ़ का पानी नए इलाकों में भी फैल रहा है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ ) और सेना के जवानों को भी लगया गया है।