बताया जा रहा है कि शिक्षा अधिकार कानून प्रभावी होने के बाद अब सभी प्राइवेट स्कूलों को करीब 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को एडमिशन देने का आदेश दिया गया है। बता दें कि ये बच्चे आस पास के गांवों से अलाभकारी होंगे। उन बच्चों को स्कूल प्रशासन मुफ्त में पढाएगा।
मगर आपको बता दें कि बांका में बने अधिकांश विद्यालयों ने इस नियम को अनुपालन नहीं किया है। ऐसे बच्चों की सूची सर्व शिक्षा अभियान को अभी तक नहीं सौंपी गई है। ऐसे स्कूलों पर विभाग की और से जल्द ही कार्रवाई होने वाली है।
जिसकी शुरूआत विभाग ने गुरुवार को सर्व शिक्षा डीपीओ वीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में एसएस बालिका स्कूल से की। बताया जा रहा है कि इस बैठक अधिकांश विद्यालय संचालक और प्रधानाध्यापक मौजूद थे। इस बैठक में निर्णय लेने के बाद ऐसे सभी विद्यालयों को आठ सितंबर की शाम चार बजे तक का समय दिया गया है।
गौरतलब है कि ऐसे में आठ सितंबर के बाद ऐसे विद्यालय संचालन पर शिक्षा अधिकार कानून का उल्लंघन होने के तहत उनको बंद कर दिया जाएगा। बैठक के दौरान स्कूलों के प्रिसिपलों से सभी बच्चों का आधार कार्ड बनवाने और आवासीय विद्यालय चलाने वाले स्कूलों को सुरक्षित रसोई घर निर्माण कराने आदि की भी जानकारी मांगी गई है।