नोटबंदी के एक साल होने पर एक और विपक्ष देशभर में इसको लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी के अपने नेता भी इसकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने नोटबंदी को नाकामयाब बताया है। शुक्रवार को सिन्हा ने ट्वीट किया ‘इस पोस्ट ने सोच में डाल दिया.. अगर ‘नोटबंदी’ से लोग खुश होते तो जश्न सरकार नहीं, लोग मना रहे होते।’ शत्रुघ्न सिन्हा का ये पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
शत्रुघ्न सिन्हा से पहले ही अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा जैसे वरिष्ठ नेता खुलकर सरकार की आर्थिक नीतियों का विरोध कर रहे हैं। यशवन्त सिन्हा ने जहां एक तरफ नोटबंदी और जीएसटी का विरोध कर रहे हैं तो वहीं उन्होंने अपने बेटे जयंत सिन्हा समेत पैराडाइज पेपर्स में जिन भी नेताओं का नाम आया है उनके खिलाफ जांच की मांग की है।
एक टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि अगर जयंत सिन्हा के खिलाफ जांच हो रही है तो जय शाह के खिलाफ जांच क्यों नहीं होगी, उनको तो कहा जा रहा है कि कोर्ट में जाकर मुकदमा करो। मेरी मांग है कि सब की जांच होनी चाहिए। कालाधन मुद्दे पर पूछे जाने पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि आंकड़ों के बाद ही पता चलेगा कि देश में कितना कालाधन आया। ऐसे केवल हवा में बयानबाजी से इसका रिजल्ट हम नहीं दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जबर्दस्ती किसी को हम यह नहीं कह सकते हैं कि आपके पास कालाधन है।