केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि देश भर के ग्रामीण इलाकों में एक केंद्रीय योजना के तहत अगले साल 31 मार्च तक 50 लाख से अधिक मकान बनाए जाएंगे। इसके जरिए गांवों में सामाजिक परिवर्तन लाया जा रहा है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 31 मार्च 2019 तक एक करोड़ नए मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें 51 लाख मकानों को 31 मार्च 2018 तक पूरा किया जाना है।’
मंत्रालय ने कहा कि साल 2016 में यह योजना शुरू किए जाने के बाद लाभार्थियों के पंजीकरण की प्रक्रिया, जियो टैगिंग, खाते का सत्यापन आदि चीजें पूरी करने में कुछ महीने लगे। इसमें लाभार्थियों के चयन के लिए सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया। इस योजना का लाभ उन्हें मिलेगा जो बेघर हैं और और जो एक या दो कच्चे कमरों में कच्चे छत के साथ रह रहे हैं।
मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा स्थानीय डिजाइन का अध्ययन करने के बाद घरों को सर्वश्रेष्ठ संस्थानों द्वारा तैयार किया जाता है और लाभार्थियों द्वारा उनकी जरूरत के मुताबिक निर्मित किया जाता है। घरों के निर्माण के लिए भुगतान सीधे लाभार्थियों के खातों में स्थानांतरित किया जाता है।
बयान में कहा गया है कि गरीबों को सुरक्षित घर दिए जा रहे हैं और वे शौचालय, एलपीजी कनेक्शन, इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन, पीने के पानी की सुविधाओं व अन्य के साथ सम्मान से जी सकेंगे।