बिलासपुर। कोटा नसबंदी काण्ड में प्रभावितों की प्रशासन की ओर से कोई सुध नही लिया जा रहा है जिसके कारण दैनिक कामगार पीड़ित अपनी जान के खतरे के डर से किसी विशेषज्ञ से ईलाज कराने का आग्रह करते हुए आर्थिक राशि की सहायता की मांग कर रहे है।
ज्ञात हो कि विगत 27 दिसंबर 2017 को ब्लाक मुख्यालय कोटा के सामुदायिक केंद में पुरुष नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था जिसमे 13 पुरुषों की नसबंदी की गई थी जहाँ नसबंदी के दौरान 4 पुरुषों की हालत गंभीर होने लगी जिन्हें तत्काल उपचार के लिए जिला प्रशासन द्वारा बिलासपुर के सरकंडा स्थित के.के.साव नामक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहाँ नसबंदी शिविर में चारो प्रभावितों का ईलाज आज दिनांक तक जारी है। जिसमे विकास खण्ड कोटा के ग्राम डोंगी निवासी प्रमोद कुमार साहू पिता गणेश प्रसाद साहू द्वारा बिलासपुर कलेक्टर अपने परिजनों के माध्यम से मामले से अवगत कराते हुए निवेदन किया है की कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी के दौरान गलत तरीके से ऑपरेशन किये जाने से उसका स्वस्थ लगातार बिगड़ता जा रहा है जिससे उसे शरीरी एवं मानसिक रूप से पीड़ा हो रही है यही नही पीड़ित ने जान के ख़तरे को उल्लेखित करते हुए ईलाज के लिए विशेषज्ञ की इच्छा व्यक्त करते हुए परिवार को तत्काल सहायता राशि प्रदान करने का आग्रह किया है जिससे उसके परिवार का भरण पोषण हो सके जिसके लिए उन्होंने ग्राम सरपंच की लिखित सहमति भी संलग्न की है। जबकि नसबंदी शिविर के प्रभावितों को तत्काल आर्थिक सहायता राशि की मांग को पूरा करने राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के जिलाध्यक्ष सौरव दुबे ने भी ज्ञापन के माध्यम से जिलाधीश से निवेदन किया है कि प्रभावितों को 5 लाख रुपये मुआवजा एवं तुरंत 2 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करे।