बिलासपुर – कलेक्टर पी दयानंद, एसपी मयंक श्रीवास्तव, एएसपी नीरज चंद्राकर ,सिटी मजिस्ट्रेट डाहीरे और थाना प्रभारी सिविल लाइन के खिलाफ फार्मासिस्ट वैभव शास्त्री ने हाई कोर्ट में आज याचिका दायर कर सभी को पक्षकार बनाने और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने का याचिका दायर किया था जिसमे आज हाईकोर्ट जस्टिस गौतम भादुडी के सिंगल बैंच ने राज्य शासन, कलेक्टर बिलासपुर, समेत 6 को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामला यह है कि कुछ महीने पूर्व जिला कलेक्टर के निर्देश पर फार्मासिस्टों की लाइसेंसों को लेकर मेडिकल दुकान संचालित करने के मामले की शिकायत जिला कलेक्टर को मिल रही थी। जिसमें कलेक्टर बिलासपुर ने कार्यवाही करते हुए अवैध मेडिकल संचालकों को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ कार्यवाही करने की मुहीम छेड़ रखी थी । ऐसे में एक फार्मासिस्ट वैभव शास्त्री ने तंग आकर फार्मेसिस्टों को लेकर हाईकोर्ट में जनदर्शन के वक्त अपनी याचिका को लेकर कलेक्टर बिलासपुर को आवेदन देना चाहा । उसने अपने आवेदन को कलेक्टर को दिया इसी बीच कलेक्टर और फार्मासिस्ट वैभव शास्त्री के बीच कुछ कहा सुनी हो गई । कलेक्टर बिलासपुर ने नाराजगी जाहिर करते हुए वैभव शास्त्री को जेल का रास्ता दिखा दिया । 3 दिन जेल की सजा काटने के बाद वैभव शास्त्री ने बिलासपुर कलेक्टर, एसपी बिलासपुर, एएसपी ,सिटी मजिस्ट्रेट आहिरे और थाना प्रभारी सिविल लाइन के खिलाफ रोष जताते हुए न्याय की गुहार अंततः छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लगाई । जिसमें उसने हाईकोर्ट में इन सभी दोषी अधिकारियों को पार्टी बनाने के लिए याचिका दायर की थी। आज कोर्ट ने सुनवाई के बाद सभी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
कलेक्टर, एसपी,एएसपी,सिटी मजिस्ट्रेट, थाना प्रभारी सिविल लाइन को फार्मासिस्ट वैभव शास्त्री के याचिका पर हाई कोर्ट का नोटिस
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