पेट के बल सोने से कमर दर्द की समस्या बढ़ती है।
पेट के बल सोने से रीढ़ की हड्डी का आकार बढ़ जाता है।
ऐसे में पेट के बल सोने से बचने की कोशिश करें।
अच्छी और भरपूर नींद स्वस्थ और सेहतमंद रहने की कुंजी है। लेकिन अच्छी और भरपूर नींद के साथ सही स्थति में सोना भी बहुत जरूरी है। क्योंकि अगर आप गलत पोश्चर में 7-9 घंटे सोते हैं तो आप अपनी नींद पूरी करके अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इसलिए सिर्फ भरपूर नींद लेना ही जरूरी नहीं बल्कि सही पोश्चर में सोना भी जरूरी है।
ज्यादातर लोग पेट के बल सोना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं पेट के बल सोने से सबसे अधिक नुकसान आपकी कमर को होता है। इससे आपकी रीढ़ की हड्डी का शेप भी बदल सकता है। इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि क्यों पेट के बल सोने से कमर को नुकसान होता है।
पेट के बल सोना
पेट के बल लेटते ही कुछ लोगों को तुरंत नींद आ जाती है। लेकिन पेट के बल सोने से सबसे अधिक शिकायत कमरदर्द की होती है। उन लोगों के लिए यह समस्या गंभीर हो सकती है जो पहले से ही पेट दर्द से ग्रस्त होते हैं। अगर किसी को कमर के निचले हिस्से में लगातार दर्द रहता है तो उनको पेट के बल कभी नहीं सोना चाहिए।
कमरदर्द की समस्या
कमर के बल सोकर उठने के बाद सबसे आम समस्या कमरदर्द की होती है। ऐसा आपकी रीढ़ की हड्डी का आकार बदलने की वजह से होता है। जब आप पेट के बल सोते हैं तो रीढ़ की हड्डी का आकार सामान्य से थोड़ा बढ़ जाता है। इसके कारण कमर के आसपास के लिगामेंट्स पर खिंचाव होता है और इसके कारण गंभीर और भयानक दर्द भी हो सकता है। पेट के बल सोने से केवल कमर को ही नहीं बल्कि गर्दन और जोड़ों में भी दर्द की समस्या हो सकती है।
ऐसे में क्या करें
इसलिए अगर आपको पेट के बल सोने से कमरदर्द की शिकायत हो रही है तो अपने पोश्चर को बदलें। अगर आपको केवल पेट के बल ही नींद आती है तो कुछ तरीके हैं जिनको अपनाने से कमरदर्द की शिकायत दूर हो सकती है। सोते समय अपने पेट के नीचे एक पतली तकिया रखें, इससे पेट में खिंचाव होगा और दर्द की समस्या नहीं होगी।
इसके अलावा अपने पैर को सीने की तरफ करके रखें, और सीने और पैर के बीच में एक तकिये का सहारा दें, इससे दर्द की समस्या नहीं होगी। अपने घुटने के नीचे तौलिये को मोड़कर रखें, इससे पैर के साथ कमर की मांसपेशियों में भी खिंचाव होगा और कमरदर्द की शिकायत नहीं रहेगी।
ऐसा करने के बाद भी अगर समस्या का समाधान नहीं होता तो एक बार चिकित्सक से सलाह जरूर लें।