Sunday, December 22, 2024
Homeलाइफस्टाइलआखिर क्यों ? पुरुषों की तुलना में स्त्रियों में किडनी की बीमारी अधिक

आखिर क्यों ? पुरुषों की तुलना में स्त्रियों में किडनी की बीमारी अधिक

आखिर क्यों ? पुरुषों की तुलना में स्त्रियों में किडनी की बीमारी अधिक

आज यानी आठ मार्च को विश्‍व किडनी दिवस है।महिलाओं की मौत का आठवां कारण किडनी की खराबी है। संसार भर की 19.5 लाख महिलाएं किडनी रोग से प्रभावित होती हैं। इस वजह से हर वर्ष विश्वभर में लगभग छह लाख के आसपास स्त्रियों की मौत किडनी या गुर्दे से जुड़े रोगों के कारण होती है।

स्त्रियों में किडनी की कठिनाई पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होती है, क्योंकि इनमें प्रजनन प्रक्रिया के कारण कई तरह की कठिनाई होती है। स्त्रियों को किडनी की कठिनाई के प्रति जागरूक करने के लिए भारतीय सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी ने इनको केंद्र मान कर विश्व किडनी दिवस का आयोजन किया है।

महिलाओं में परेशानी

डॉक्‍टरों के अनुसार प्रसव के दौरान अधिक रक्‍तस्राव होने पर एक्यूट कॉर्टिकल नेक्रोसिस नामक बीमारी किडनी में हो जाती है, जिस कारण किडनी कम कार्य करने लगती है। यह स्थिति गंभीर बीमारी में बदल सकती है। इसके अतिरिक्त असुरक्षित गर्भपात के कारण किडनी प्रभावित हो जाती है। इसमें भी रक्तस्त्राव व संक्रमण का कारण बनता है।

पुरुषों से कम होता है स्त्रियों का इलाज

किडनी से संबंधित कठिनाई होने पर पुरुषों का उपचार तो हो जाता है, लेकिन स्त्रियों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है। इसके पीछे कारण सामाजिक असमानता के साथ आर्थिक कारण भी हो सकता है। पुरुष के उपचार पर जोर दिया जाता है।इसके साथ ही बीमारी की धीमी गति भी कारण हो सकता है। अगर छह लोगों में किडनी ट्रांसप्लांट होता है तो उनमें पांच पुरुष होते हैं व एक महिला होती है।

बचाव पर दें ध्यान

किडनी रोग से बचाव ही इसका सस्‍ता उपचार है।किडनी डिजीज होने पर डायलिसिस व किडनी ट्रांसप्लांट महंगा है। ऐसे में बीमारी को शुरुआती दौर में कंट्रोल करने की आवश्यकता है। खराबी का पता लगाने के लिए छह महीने में एक बार पेशाब में प्रोटीन, रक्त में क्रिएटनिन की जांच करानी चाहिए। डायबिटीज व उच्च रक्तचाप के मरीजों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। लक्षण 50 फीसद से अधिक किडनी बेकार होने के बाद प्रकट होते हैं। हाईपरटेंशन व डायबिटीज होने पर वमहिला व पुरुष दोनों को 40 वर्ष की आयु के बाद पेशाब में प्रोटीन, क्रिएटनिन, आरबीसी व ब्लड प्रेशर की जांच हर 6 महीने में करवानी चाहिए। धूम्रपान, गुटखे से परहेज करें। वहीं पैन कातिल भी क्रोनिक किडनी डिजीज का तीसरा बड़ा कारण है।

किडनी को तंदुरुस्‍त बनाने के लिए ये खाएं :

सेब : यह ना सिर्फ आपकी किडनी के लिए बढ़िया है बल्कि इसे खाने से ब्रेन सेल्स प्रोटेक्ट रहते हैं।इससे कोलेस्‍ट्रॉल भी नियंत्रित रहता है। इसीलिए विटामिन सी, फाइबर, व एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर सेब को रोज़ाना खाएं।

spot_img
RELATED ARTICLES

Recent posts

error: Content is protected !!