आदरणीय स्वीट्टू
अभी कुछ दिन पहले देखा था टीवी पर अजय देवगन जी अपनी पत्नी से कह रहे थे कि इस देश के अफसरों से ज्यादा उनकी पत्नियों का बहादुर होना जरूरी है..आह! जिसने भी ये संवाद लिखा होगा उसका पति बैंक में ही काम करता होगा….
तुम्हे शायद याद हो वो भी एक वक्त था जब हमारे जीवन में दो महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए..हम सात फेरे ले रहे थे और देश मोदी जी के दौर से अभी दो चार होने जा रहा था…मैं न जानती थी कि मेरी कुंडली मे शनीचर बनके तुम्हारी बैंक की नौकरी बैठी या मोदी जी के प्रभाव से कुंडली के केंद्र में मंगल बैठकर प्रथम स्थान पर राहु के साथ होकर मेरे जीवन के शुक्र को ही अस्त कर बैठा..
फिल्मों में देखा था कि नई नवेली दुल्हन को छोड़कर सिपाही जाते हैं सीमा पर दुश्मन से लड़ने…शादी के बाद जाना कि बैंक वाले भी जाते हुए लम्हों को रोकने का प्रयास करते ही रहते हैं..
मोदी जी कि योजनाओं की ही तरह अंतहीन है हमारा वियोग भी..
काश कि मेरे सपनों के लिए भी कोई बीमा योजना होती तुम्हारे बैंक में..या कोई ऐसा पैन कार्ड होता तो हिसाब रखता मेरे प्यार के टीडीएस का….आधार को दिल से भी लिंक करने का कोई सिस्टम अगर होता तो देश जान लेता कि मोदी जी ने केवल नोटबन्दी ही नहीं की..बल्कि,बन्द कर दिया है मेरे प्रेम के प्रवाह को भी जिसका ऑथेंटिकेशन भगवान की बनाई UIADI ही कर सकती है..
होली के दिन फोन पर कहा था तुमने कि छुट्टी हो रही है चार दिन की मार्च में..इसबार साथ में देखेंगे कि बैंक वालो के लिए मार्च ही नहीं बसंत का मधुमास भी होता है..दो दिन के लिए हम बात करेंगे प्रेम और परिवार की, अपने आने वाले कल की, और बस तुम्हारे और मेरे साथ की….तुम्हारे स्नेह पर संदेह नहीं, तुम तो आ भी गए थे..लेकिन, इसबार मेरे अरमानों की क्लोजिंग कर दी उस एक कागज ने जिसे तुम लोग सर्कुलर कहते हो..और ये सर्कुलर कहता है कि तुम्हारी छुट्टिया रदद् हो गई और अब तुम चले जाओगे नहीं तो कोई तुमपर अनुशासनात्मक कार्यवाई कर डालेगा..जाओ तुम्हें तुम्हारा अनुशासन मुबारक़….
अम्मा जी रोज भगवान से कहती हैं कि बहु की गोद में भगवान जी अपना अनुदान दे देते..अब कैसे कहूँ उनसे कि भला बिना आधार लिंक किए अनुदान आता हैं कहीं…
फलाना बो