बिलासपुर संभाग के इन दो विभूतियों को राष्ट्रपति से मिला पद्मश्री सम्मान
छत्तीसगढ़ :- बिलासपुर के वरिष्ठ साहित्यकार और पत्रकार पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी और वरिष्ठ समाज सेवी दामोदर गणेश बापट को पद्मश्री अलंकरण से सम्मानित किया गया. बीते सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में दोनों विभुतियों को सम्मानित किया.
दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य कई केन्द्रीय मंत्री मौजूद थे. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए श्यामलाल चतुर्वेदी और दामोदर गणेश बापट को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.
समाज सेवी दामोदर गणेश बापट जांजगीर-चांपा और पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी बिलासपुर के रहने वाले हैं. गृह मंत्रालय ने इस गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इनके नामों की घोषणा की थी. श्री चतुर्वेदी को साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता क्षेत्र व श्री बापट को समाज सेवा के लिए उनके योगदान के लिए यह अलंकरण दिया गया.
कुष्ठ पीड़ितों की सेवा में समर्पित बापट
बापट चांपा से आठ किलोमीटर दूर ग्राम सोठी में भारतीय कुष्ठ निवारक संघ द्वारा संचालित आश्रम में कुष्ठ पीड़ितों की सेवा के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया है. इस कुष्ठ आश्रम की स्थापना सन 1962 में कुष्ठ पीड़ित सदाशिवराव गोविंदराव कात्रे ने की थी. वहां वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यकर्ता बापट सन 1972 में पहुंचे और कात्रे जी के साथ मिलकर उन्होंने कुष्ठ पीड़ितों के इलाज और उनके सामाजिक-आर्थिक पुनर्वास के लिए सेवा के अनेक प्रकल्पों की शुरूआत की.
75 वर्षों से साहित्य साधना में जुटे चतुर्वेदी
श्यामलाल चतुर्वेदी करीब 75 वर्षों से साहित्य साधना के जरिए हिन्दी और छत्तीसगढ़ी साहित्य को समृद्ध बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने पत्रकारिता और शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी मूल्यवान सेवाएं दी हैं. चतुर्वेदी छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के प्रथम अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वे मूलरूप से तत्कालीन अविभाजित बिलासपुर जिले के ग्राम कोटमी सोनार (वर्तमान में जिला जांजगीर-चांपा) के निवासी है, लेकिन साहित्यकार और पत्रकार के रूप में बिलासपुर उनकी कर्मभूमि है.