बिलासपुर 6 अप्रैल। आगजनी की घटनाएं बढ़ने से अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया में हरा चारा खत्म हो गया है। यह हम नहीं, बल्कि एटीआर के डिप्टी डायरेक्टर कह रहे हैं। उनका दावा है कि आगजनी से रिजर्व के कोर व बफर एरिया में घास जलकर नष्ट हो गए हैं।
मार्च में अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोर व बफर एरिया के जंगल में 527 जगहों पर आग लगी थी। रिजर्व का ऐसा कोई रेंज नहीं, जहां आगजनी की घटना न हुई हो। कोर एरिया के अचानकमार, केंवची, लमनी के 62 स्थानों पर 31 मार्च को आग लगी रही। 30 मार्च को 84 स्थानों पर और इसी तरह 29 मार्च को भी इतनी ही जगहों पर आग लगी रही। आगजनी की घटना 5 मार्च से शुरू हुई है। वह लगातार जारी है। इससे जाहिर है कि एटीआर प्रशासन जंगल को बचाने में किस ढंग से काम कर रहा है। तमाम सुविधाएं होने के बाद भी जंगल में लगी आग को काबू नहीं किया गया। हैरत की बात है कि अब अफसर ही कह रहे हैं कि आगजनी की घटना से शाकाहारी वन्यजीवों के लिए चारा ही खत्म हो गया है। इसका नतीजा यह हो रहा है कि जानवर जंगल छोड़कर बाहर निकल रहे हैं।
घास-फूस जले हैं: पांडेय
अचानकमार टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनोज पांडेय का कहना है कि आगजनी की घटना हुई है। हमारी ओर से आग बुझाने का काम किया गया है, लेकिन लगातार आगजनी होने से शाकाहारी वन्यजीवों के लिए चारा नष्ट हो गए हैं। घास-फूस जलकर नष्ट हो गए है।