बिलासपुर 6 अप्रैल। चयनित हितग्राही का इंदिरा आवास पंच की निजी जमीन पर बनवाने के मामले में जिला पंचायत सीईओ ने सहायक करारोपण अधिकारी और सचिव को सस्पेंड कर दिया है। दोनों को निलंबन अवधि में जनपद पंचायत मस्तूरी में अटैच किया गया है।
केंद्र सरकार द्वारा संचालित इंदिरा आवास योजना का नाम बदलकर अब पीएम आवास योजना ग्रामीण कर दिया गया है। जब इंदिरा आवास योजना संचालित थी, तब मस्तूरी ब्लॉक की ग्राम पंचायत सुलौनी में एक दर्जन से अधिक इंदिरा आवास स्वीकृत हुए थे। सरपंच देविका उइके, सचिव मनोहर यादव और सहायक करारोपण अधिकारी केके देवांगन ने एक हितग्राही के नाम स्वीकृत इंदिरा आवास को उसकी जमीन पर न बनाकर पंच को दे दिया। पंच की निजी जमीन पर यह आवास बनवाकर राशि तक आहरित कर ली गई। इसकी जानकारी होने पर हितग्राही ने जिला पंचायत सीईओ फरिहा आलम सिद्दीकी से की। सीईओ ने मामले की जांच कराई तो शिकायत सही मिली। उन्होंने जांच रिपोर्ट के आधार पर सहायक करारोपण अधिकारी देवांगन और सचिव यादव को सस्पेंड कर दिया है।
सरपंच पर कार्रवाई करने एसडीएम को पत्र
पंचायत विभाग के अधिकारी एके धीरही ने बताया कि जांच में सरपंच, सचिव और सहायक करारोपण अधिकारी की मिलीभगत सामने आई है। शासकीय कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है और सरपंच के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एसडीएम को पत्र लिखा गया है।
दोषियों को किया सस्पेंड
जिला पंचायत सीईओ सिद्दीकी का कहना है कि जांच रिपोर्ट में सचिव और सहायक करारोपण अधिकारी दोषी मिले हैं। इसलिए दोनों को सस्पेंड कर जनपद कार्यालय में अटैच कर दिया गया है। सरपंच पर कार्रवाई करने का अधिकार एसडीएम का है। इसलिए एसडीएम को पत्र लिखा गया है।