अपोलो हॉस्पिटल पर मरीज ने लगाया कीड़ायुक्त नाश्ता परोसने का आरोप
बिलासपुर। अपोलो अस्पताल में रविवार सुबह निमोनिया के मरीज को कीड़ायुक्त नाश्ता परोस दिया गया। शिकायत मिलने पर मैनेजर पहुंचा और सिर्फ इतना कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। पीआरओ का कहना है कि उन्हें ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है।
अपोलो अस्पताल सबसे बेहतर इलाज करने का दावा करता है और प्रबंधन मामूली सी मर्ज के इलाज के एवज में मोटी रकम वसूलता है। वहां भर्ती मरीज को अपोलो ग्रुप की ओर से नाश्ता और खाना परोसा जाता है। इसके पीछे तर्क यह दिया जाता है कि मरीज को डॉक्टरों की सलाह के अनुसार भोजन दिया जाता है, ताकि वह जल्द ही स्वस्थ हो सके। उनका यह दावा रविवार सुबह 8.30 बजे खोखला साबित हो गया। जानकारी के अनुसार मस्तूरी ब्लॉक की नगर पंचायत मल्हार निवासी आशीष अग्रवाल को निमोनिया की शिकायत है। वह इलाज कराने के लिए बीते 24 अप्रैल को अपोलो पहुंचा। डॉक्टरों ने टेस्ट करने के बाद उसे अस्पताल के रूम नंबर 1505 में भर्ती कर लिया। उस दिन से उसका इलाज अपोलो में चल रहा है। अपोलो की ओर से मरीज को सुबह नाश्ता, दोपहर में भोजन, शाम 4 बजे नाश्ता और रात में भोजन दिया जाता है। मरीज आशीष अग्रवाल ने बताया कि उसे रविवार सुबह करीब 8.30 बजे नाश्ता दिया गया। वह आधा नाश्ता कर चुका था। इसी बीच उसकी थाली में करीब दो इंच लंबा कीड़ा नजर आया, जिसे देखते ही उसे उल्टी हो गई। उस समय उसके परिजन भी साथ थे, जिन्होंने केटरिंग मैनेजर से शिकायत की, लेकिन उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ। कुछ देर वह मरीज के पास पहुंचा। मरीज ने उन्हें अपनी थाली दिखाई, जिसमें करीब दो इंच की कीड़ा पड़ा हुआ था। यह देखकर मैनेजर के होश उड़ गए। उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए मरीज को भरोसा दिलाया कि अब भविष्य में उन्हें ऐसी परेशानी नहीं होगी। मरीज आशीष ने मैनेजर को बताया कि पहले भी उन्होंने नाश्ता में कीड़ा होने की शिकायत की थी। नाश्ता करते वक्त उन्हें स्वाद कड़वा लगा था, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई थी। आज करीब दो इंच कीड़ा मिला तो मैनेजर माफी मांगने लगा।
मुझे जानकारी नही
इस मामले में पक्ष जानने के लिए अपोलो के पीआरओ देवेश गोपाल से संपर्क किया गया उन्होंने कहा कि अवकाश में होने की वजह से मामले में किसी भी मरीज के नाश्ते में कीड़ा मिलने की जानकारी नहीं है। संबंधित मरीज से पूछताछ करने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।