भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ प्रवास पर अमित जोगी ने दिया बड़ा बयान उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी दुर्ग और सीतापुर जा रहे हैं लेकिन उनसे लगे हुए राजनांदगांव और जशपुर क्षेत्रों में न जाना राहुल गाँधी का भाजपा के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के दरवाजे जाकर माथा टेकने के समान है। आखिर क्यों राहुल गाँधी मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के ग्रह क्षेत्रों में जाकर उन्हें चुनौती नहीं दे रहे हैं। हमारे क्षेत्र से कांग्रेस का चुनाव अभियान शुरू कर राहुल गाँधी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि छत्तीसगढ़ में उनकी लड़ाई भाजपा से नहीं बल्कि जोगी से है।
मालूम हो कि राहुल गांधी के प्रवास के छत्तीसगढ़ दौरान राजनीतिक घमासान चरम पर पहुंच गया है जिसपर आज छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) के युवा विधायक अमित जोगी ने एक बार फिर दिया बड़ा बयान उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी को प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने संक्रमित कर दिया है अब राहुल गाँधी को भी जोगेरिया हो गया है। उन्होंने कहा अगर राहुल गाँधी को आदिवासियों की वाकई में चिंता है तो उन्हें पाटन, जशपुर और घाटबर्रा जा कर देखना चाहिए कि कैसे उनकी पार्टी के बघेल, जिंदल और सिंहदेव जैसे नेता भाजपा के साथ साजिश रचकर आदिवासियों की पुश्तैनी जमीन हड़प रहे हैं जबकि हमारी आमसभा का मैदान राहुल गाँधी की सभा के मैदान से 10 गुना बड़ा है। हमारी सभी भी राहुल गाँधी की सभा से 10 गुना बड़ी होगी वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के 17 और 18 मई के छत्तीसगढ़ प्रवास पर चुटकी लेते हुए मरवाही विधायक अमित जोगी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए व्यंगात्मक रूप से राहुल गाँधी का छत्तीसगढ़ में स्वागत किया है। अमित जोगी ने स्मरण दिलाया कि 11 फरवरी 2018 को उनकी पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे ने 4000 गाड़ियों के कारवां के साथ रायपुर से राजनांदगांव तक चुनौती यात्रा निकाली थी जहाँ छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के अध्यक्ष श्री अजीत जोगी ने यह घोषणा करी थी की आगामी चुनावों में वे प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से सीधा मुकाबला करेंगे। जोगी ने सवाल किया कि जब श्री गाँधी दुर्ग से रायपुर तक रोड शो कर रहे हैं तो वे अतिरिक्त 8 किलोमीटर जाकर मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र राजनांदगांव उनको सीधी चुनौती देने क्यों नहीं जाते? वैसे ही श्री गाँधी सीतापुर में आमसभा कर रहे हैं तो क्यों न वे 8 किलोमीटर आगे जशपुर भी चले जाएँ जो जूदेव परिवार, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री नंदकुमार साय और केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय का गढ़ है। अमित जोगी ने कहा कि राहुल गाँधी डॉ रमन सिंह, विष्णु देव साय और श्री जूदेव के दरवाजे तक जाकर केवल माथा टेकने आये है, उनके घर में घुसकर उन्हें चुनौती देने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। अमित जोगी ने कहा कि राहुल गाँधी केवल जोगी के घर में घुसकर अजीत जोगी और उन्हें चुनौती देना चाह रहे हैं और यह काम भी वे अकेले अपने दम पर नहीं कर पा रहे हैं। जोगी के गृह क्षेत्र में आमसभा करने के लिए श्री गाँधी को गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी और एकता परिषद् से मदद की भीख मांगनी पड़ रही है। श्री गाँधी ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से 32 विधानसभा क्षेत्रों से भीड़ लाने कहा है, कुछ लोग को तो 400 किलोमीटर दूर से भी लाया जा रहा है जिसके लिए करोड़ों रूपए खर्च किये जा रहे हैं। श्री गाँधी ने बिहार और उत्तर प्रदेश के नेताओं को मरवाही में डेरा डालने कहा है। इतना सब कुछ करने के बाद भी श्री गाँधी की सभा का डोम मात्र 18,400 वर्ग फ़ीट का है जो एक ब्लॉक स्तर की मीटिंग जितना बड़ा है। अमित जोगी ने कहा कि उनकी पार्टी ने राहुल गाँधी की चुनौती को स्वीकार कर लिया है। जिस समय श्री गाँधी कोटमी में होंगे, उसी समय अजीत जोगी अकेले अपने दम पर पेंड्रा में एक आमसभा ले रहे होंगे। जोगी की पार्टी डोम बनाने का खर्च वहन नहीं कर सकती लेकिन उनका टेंट 1 लाख 40 हज़ार वर्गफुट जितना बड़ा है और 6 एकड़ के मैदान का हर इंच स्थानीय लोगों से भरा रहेगा। श्री जोगी की आमसभा श्री गाँधी की आमसभा से लगभग 10 गुना बड़ी होगी।
29 अप्रैल को साइंस कॉलेज रायपुर में हुई महारैली के बाद एक बार फिर पूरा देश देखेगा की छत्तीसगढ़ की जनता किसके साथ है। जोगी ने कहा कि राहुल गाँधी का यह दावा की उनका मेरे क्षेत्र का प्रवास राजनैतिक न होकर आदिवासी अधिकारों की रक्षा पर केंद्रित है, पूर्ण रूप से बेतुका है। अपनी पार्टी के प्रादेशिक नेताओं की भांति राहुल गाँधी भी जोगेरिया रोग से ग्रसित हो गए हैं। जोगी ने पूछा कि यदि राहुल गाँधी को आदिवासी अधिकारों के हनन की इतनी चिंता है तो वे जशपुर क्यों नहीं जाते जहाँ पत्थलगड़ी आन्दोलन के माध्यम से आदिवासी अधिकारों के हनन की बात पूरे देश के सामने आयी है। सत्तापक्ष को अपने संवैधानिक अधिकारों की याद दिलाने जशपुर के आदिवासियों को पत्थर गाड़ने पर विवश होना पड़ा है। उन्हें शासन प्रशासन द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। और यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार आदिवासियों की पुश्तैनी जमीनों पर खनन के ठेके श्री गाँधी की ही पार्टी के पूर्व सांसद नवीन जिंदल की कंपनी जीएसपीएल को चुपचाप देते जा रही है। जोगी ने सवाल किया कि श्री गाँधी घाटबर्रा क्यों नहीं जाते जहाँ उनकी पार्टी के स्थानीय विधायक और पूर्व महाराज सिंहदेव जो छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं, ने कोयला खनन के ट्रांसपोर्ट ठेकों के लालच में भाजपा सरकार को 900 वन अधिकार पट्टे गैरकानूनी तरीके से निरस्त करने दे दिया ? श्री गाँधी पाटन क्यों नहीं जाते जहाँ उनकी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल के पिता को कल ही दुर्ग जिला न्यायलय द्वारा आदिवासियों की 20 एकड़ जमीन हड़पने का दोषी पाया गया है? जिंदल, बघेल और सिंहदेव के प्रकरणों से यह स्पष्ट है कि आदिवासियों की धन संपदा लूटने के मामले में कैसे कांग्रेस और भाजपा एक ही थाली के चट्टे भट्टे हैं। जोगी ने कहा कि श्री गाँधी के श्रेष्ठ चुनावी रिकॉर्ड को देखते हुए हम चाहते हैं कि वे छत्तीसगढ़ में हर जगह जाएँ। उनका स्वागत है।