येदियुरप्पा का दावा 5 साल चलेगी सरकार, SC का फैसला आज, गोवा में आज दावा पेश करेगी कांग्रेस, बिहार, मणिपुर में भी तैयारी
ताज़ख़बर36गढ़ :- कर्नाटक के नये मुख्यमंत्री के रूप में भाजपा विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा ने गुरुवार को भले ही पदभार संभाल लिया हो, लेकिन सियासी घमासान थमता नजर नहीं आ रहा है. अब तीन राज्यों में वहां के सबसे बड़े दलों ने कर्नाटक मॉडल के अनुरूप सरकार बनाने के लिए मौका देने की मांग उठायी है.
दरअसल, कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को बहुमत नहीं होने के बावजूद सरकार बनाने का न्योता वहां के राज्यपाल ने दिया था. कांग्रेस व राजद के नेताओं ने कहा कि जब कर्नाटक में बड़े दल को मौका मिला है, तो उसी आधार पर बिहार, गोवा और मणिपुर में भी सबसे बड़ी पार्टी को मौका मिलना चाहिए.
मालूम हो कि कर्नाटक में 222 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37 सीटों पर जीत मिली है. इसके बाद राज्यपाल वाजुभाई वाला ने सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया. इसके खिलाफ कांग्रेस-जेडीएस बुधवार की आधी रात को सुप्रीम कोर्ट पहुंची, जहां अदालत ने शपथ ग्रहण पर रोक से इंकार करते हुए शुक्रवार को मामले पर सुनवाई की बात कही. इस बीच गुरुवार को भाजपा सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का विरोध करते हुए कांग्रेस-जेडीएस ने िवस परिसर में धरना दिया.
येदियुरप्पा ने ली शपथ, दावा पांच साल चलेगी सरकार
75 साल के बीएस येदियुरप्पा ने मोदी-मोदी के नारों के बीच गुरुवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली. राजभवन में राज्यपाल वजुभाई वाला ने उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलायी. येदियुरप्पा ने ईश्वर व कर्नाटक के किसानों के नाम पर शपथ ली. अपने पहले फैसले में नये सीएम ने किसानों का एक लाख तक का कर्ज माफ करने का एलान किया.
दावा किया कि उनकी सरकार पांच साल चलेगी. उन्होंने सभी विधायकों से स्वयं के विवेक और जनादेश बनाये रखने के लिए वोट देने की अपील की. सरकारी लिपिक के तौर पर साधारण-सी पहचान के साथ राजनीति शुरू करने वाले और एक हार्डवेयर दुकान के मालिक येदियुरप्पा तीसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने हैं. इससे पहले दो बार वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाये हैं.
भाजपा के पास दो विकल्प : बहुमत के लिए 112 विधायकों की जरूरत है. भाजपा के पास 104 विधायक ही हैं. ऐसे में दो ही विकल्प हैं. पहला यह कि विपक्षी पार्टी के विधायक टूटें. दूसरा वे विश्वास प्रस्ताव के वक्त गैर हाजिर रहें. इससे बहुमत का आंकड़ा घट जायेगा.
कांग्रेस और जेडीएस का धरना कड़े पहरे में विधायकों को रखा
कांग्रेस-जेडीएस ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया और राज्य सचिवालय, विधानसभा के समक्ष धरना दिया. पूर्व सीएम सिद्धारमैया के अलावा गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत , मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रतिमा के सामने बैठकर विरोध जताया. बाद में, वहां जेडीएस प्रमुख एचडी देवगौड़ा और कुमारस्वामी भी पहुंचे और धरना में शामिल हुए. ईगलटन रिसार्ट में रखे गये कांग्रेस के विधायकों को कुछ देर के लिए कांग्रेस नेता डीके शिव कुमार धरना स्थल पर लाये और फिर उन्हें वहां से वापस ले गये.
रिसार्ट में विधायकों की सुरक्षा कांग्रेस कार्यकर्ता खुद कर रहे हैं. दूसरी तरफ जेडीएस ने विधायकों को बेंगलुरु में एक होटल में रखा है. वहां से उन्हें कोच्चि भेजने की तैयारी है. इस बीच कांग्रेस को अब वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी का साथ मिला है. जेठमलानी ने भी भाजपा को सरकार बनाने की अनुमति देने के मामले में राज्यपाल के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
गोवा में आज दावा पेश करेगी कांग्रेस, बिहार में भी तैयारी
गोवा कांग्रेस विधायक दल के प्रमुख चंद्रकांत कावलेकर ने कहा कि पार्टी अपने सभी 16 विधायकों के हस्ताक्षरवाला औपचारिक पत्र सौंप कर शुक्रवार को राज्यपाल मृदुला सिन्हा के समक्ष सरकार बनाने का दावा
गोवा में आज दावा
पेश करेगी. राज्यपाल ने मिलने के लिए दोपहर 12 बजे का वक्त दिया है. पिछले साल मार्च में 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस को 17 सीटें मिली थीं, लेकिन पार्टी बहुमत से चार सीट दूर रही थी.
बाद में इसके एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया था. वह भाजपा में शामिल हो गया. भाजपा को 14 सीटें मिली थीं और उसने दो अन्य दलों के साथ मिल कर सरकार बना ली थी.
राजद ने राज्यपाल से मांगा वक्त : बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष तेजस्वी ने पटना में कहा कि उन्होंने शुक्रवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिलने का समय मांगा है. उनके समक्ष हम यह कहना चाहते हैं कि दोहरे मानक नहीं हो सकते. यदि कर्नाटक के राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं, तो राजद को भी सरकार बनाने का अधिकार है.
मणिपुर में कांग्रेस ने ठाेका दावा : मणिपुर के पूर्व सीएम इबोबी सिंह ने भी कहा कि वह सरकार गठन का दावा करने के लिए राज्यपाल से मिलने का समय मांगेंगे. राज्य में पिछले साल हुए चुनाव में कांग्रेस को 60 सदस्यीय विधानसभा में 28 सीट मिली थीं. भाजपा के खाते में 21 सीट आयी थीं. भाजपा ने क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर सरकार बनायी.
कर्नाटक में किसके पास जनता का साथ है? 104 सीट वाली भाजपा या 78 सीट वाली कांग्रेस या 37 सीट वाले जेडीएस के साथ? लोकतंत्र की हत्या तो उसी समय हो गयी, जब कांग्रेस ने जेडीएस को अवसरवादी पेशकश की थी.
अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष
कर्नाटक में जरूरी आंकड़ा नहीं होने पर भी सरकार के गठन की भाजपा की अतार्किक जिद संविधान का मजाक बनाना है. एक ओर भाजपा खोखली जीत का जश्न मनायेगी. दूसरी वहीं भारत लोकतंत्र की हार का शोक मनायेगा.
राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष