बिलासपुर- मुंगेली…जिले के बॉर्डर फास्टरपुर इलाके से लगे गांव खैरवार में अंधविश्वास ने एक मासूम की जान लेली पूरा मामला गांव खैरवार का है जहां घर के आंगन में खेल रहे ग्रामीण रमेश यादव के 5 वर्षीय पुत्र साहिल यादव को जहरीले सांप ने डस लिया। इसके बाद पीड़ित बच्चे को परिजन अस्पताल ले जाने की बजाय घंटों झाड़ फूंक कराते रहे। साथ ही यह अंधविश्वास का यह खेल घंटों चलता रहा। इस दौरान बच्चे के शरीर पर जहर फैलता रहा।
वहीं आसपास मौजूद सब लोग तमाशा देखते रहे इस बीच किसी ने भी पीड़ित को अस्पताल ले जाने की बात नहीं कही। आखिर में जब परिजनों को लगा कि झाड़ फूंक का असर नही दिख रहा है, तब बच्चे को बिलासपुर के सिम्स ले जाया गया। तब तक देर हो चुकी थी और बच्चे ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
वक्त पर यदि बच्चे को अस्पताल दाखिल कराया गया होता तो हो सकता था कि उसकी जान बचाई जा सकती थी। जागरूकता की कमी के चलते आज भी ग्रामीण इलाकों में बैगा गुनिया जैसे झाड़ फूंक करने वालों का जादू धड़ल्ले से चल रहा है और कई लोगों का तो इसी से रोजी रोटी चल रही है, लेकिन अंधविश्वास का यह खेल बेहद ही खतरनाक और जानलेवा भी साबित हो रहा है। समय रहते इस दिशा में प्रशासन की आंख जब तक नहीं खुलेगी तब तक यह जानलेवा ड्रामा ऐसे ही चलता ही रहेगा आज भी इस अंधविश्वास ने माँ की गोद सुनी कर दी और जान बचाने का दावा करने वाले तांत्रिक मूकदर्शक बना देखता ही रह गया।
शासन समय समय पर अंधविश्वास के खिलाफ जगरूकता अभियान चलते रहती है, पर इस तरह की धटनाओं में रोक नहीं लग पा रहा है, परिणाम स्वरूप शाहिल को अपनी जान देनी पड़ी और एक माँ की गोद सुनी पड़ गई।