बिलासपुर/ नगरीय प्रशासन मंत्री के उस बयान ने कांग्रेसियों से लेकर भाजपा, आम आदमी पार्टी में हलचल मचा दी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि लोगों के फोन आए थे, जो कह रहे थे कि कांग्रेसियों की और पिटाई होनी चाहिए। बता दें कि कांग्रेस भवन में कांग्रेसियों पर लाठीचार्ज को लेकर सीएम डॉ. रमन सिंह स्वयं खेद व्यक्त कर चुके हैं।
मामले में प्रथमदृष्टया एएसपी नीरज चंद्राकर को दोषी ठहराते हुए मजिस्ट्रियल जांच बिठा दी गई है। उन्हें पीएचक्यू में अटैच कर दिया है। इस की कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि सीएम डॉ. सिंह भी लाठीचार्ज को गलत मानते हैं। नगरीय प्रशासन मंत्री अग्रवाल के बयान को लेकर एक बार फिर कांग्रेसियों ने उन पर सीधा हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता शैलेष पांडेय का कहना है कि उनका यह बयान इस बात की पुष्टि करता है कि कांग्रेस भवन में जो लाठी चार्ज हुआ, वह उन्हीं की मर्जी और आज्ञा से हुआ है। पहले उन्होंने कहा कि कानून ने अपना काम किया है, लेकिन अब उन्होंने साबित कर दिया कि कानून ने मंत्री का काम किया है। उनका कहना है कि कांग्रेसियों को कचरा कहने वाले मंत्री का कांग्रेसियों ने थोड़ा सा विरोध क्या कर दिया, मंत्री ने अपना आपा खोते हुए कांग्रेसियों को बर्बरता पूर्वक लाठी से पिटवा दिया। इसके बाद अब उनका मन नहीं भरा है तो जनता की आड़ लेकर फिर कह रहे हैं कि कांग्रेसियों को और पीटा जाना चाहिए।
मंत्री बताएं- किन लोगों ने किया था फोन
कांग्रेस प्रवक्ता पांडेय का कहना है कि बिलासपुर की जनता की ऐसी संस्कृति नहीं रही है कि लोगों को पिटवाने का काम करे। इसलिए मंत्री अग्रवाल यह बात बताएं कि उन्हें किन लोगों ने फोन करके कहा है कि कांग्रेसियों को पीटा जाना चाहिए। उन्होंने मंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि जो पहले गर्भाशय कांड करवा चुके हैं। आंखफोड़वा कांड करवा चुके हैं। नसबंदी में महिलाओं को मरवा चुके हैं। इससे साबित हो गया है कि मंत्री को लोगों को पिटवाना ,लोगों का खून निकलता देखने में मजा आने लगा है। उन्होंने जनता को आगाह करते हुए कहा है कि शहर वाले सावधान हो जाएं, क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव इस बार हिंसा का इस्तेमाल हो सकता है।
लाठीचार्ज के बहाने जान से मारने की कोशिश
कांग्रेस प्रवक्ता पांडेय का कहना है कि सीएम डॉ. सिंह को नैतिकता के नाते अमर अग्रवाल को मंत्री के पद से बर्खास्त कर देना चाहिए और उन पर जुर्म दर्ज करना चाहिए। क्योंकि वे लाठीचार्ज के षड्यंत्र में वे भी शामिल थे, जिसके कारण कांग्रेस भवन में कार्यकर्ताओं को लाठीचार्ज के बहाने जान से मारने की कोशिश की गई।