Friday, November 22, 2024
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तखतपुर विधानसभा: राजू सिंह क्षत्रिय को लेकर क्षेत्र में जमकर आक्रोश…महिलाओं ने कहा- पांच साल तक चेहरा नहीं दिखाया… विधायक की कार्यशैली कहीं भारी न पड़ जाए हर्षिता पांडेय पर…


बिलासपुर/12/नवम्बर/2018/ तखतपुर विधायक राजू सिंह क्षत्रिय के कामकाज को लेकर क्षेत्र में खासा आक्रोश है। लोग दावे के साथ कह रहे हैं कि पांच साल पहले राजू सिंह क्षत्रिय वोट मांगने आए थे। चुनाव जीतने के बाद लौटकर गांव नहीं आए। विकास के बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन 5 साल में ऐसा कुछ हुआ नहीं। महिलाएं कह रही हैं कि हर चुनाव में शराब और कपड़े बांटकर वोट बटोर लिए जाते हैं। फिर पांच साल तक उसकी वसूली की जाती है। इस बार ऐसे उम्मीदवार और उनके समर्थकों को गांव में घुसने नहीं देंगे।

बिलासपुर विधानसभा से लगी तखतपुर विधानसभा में पांच पहले जब चुनाव हुआ था, तब राजू सिंह क्षत्रिय बहुत कम वोटों से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। उनके जिस वायदे और जिस भरोसे को लेकर जनता ने वोट दिया था, उसके पूरे होने की उम्मीद में पांच साल कट गए। जोरापारा, अरईबंद, मोछ, मेंड्रा, खमतराई समेत एक दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों का दावा है कि उन्होंने विधायक राजू सिंह क्षत्रिय को एक बार उस समय देखा, जब वो वोट मांगने आए थे। उस समय उन्होंने बड़े-बड़े पाम्पलेट दिए थे। वायदे किए थे कि जब वे चुनाव जीत जाएंगे, उसके बाद गांव में पेयजल, बिजली, सड़क से लेकर किसी तरह की समस्या नहीं रहेगी। चुनाव जीतने के पांच साल तक वे इन गांवों में लौटकर नहीं गए। इन गांवों में गए भी तो रात के अंधेरे में, जहां कुछ लोगों से बैठक कर लौट गए। नेतानुमा लोगों के मुंह से ग्रामीणों ने सुना था कि गांव में विधायक आए थे।

लगभग हर गांव में एक जैसी समस्या

तखतपुर क्षेत्र के लगभग गांवों में एक ही तरह की समस्याएं हैं। राशन, पेंशन के लिए जूझना इनकी नियति बन गई है। पेयजल, बिजली की रौशनी के लिए तरस रहे हैं। इन समस्याओं को लेकर जब ग्रामीण सरपंच के पास जाते हैं, उनका एक ही जवाब होता है कि वे कुछ नहीं कर सकते। ब्लॉक और जिला कार्यालय से सिर्फ आश्वासन ही मिलता है।

सुराज दल को घेरा, पर 10 माह से नहीं मिली निराश्रित पेंशन

तखतपुर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत खमतराई में इस साल जब सुराज दल पहुंचा था तो ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बनाकर स्कूल में कैद कर लिया था। ग्रामीणों की शिकायत की थी कि उन्हें चार माह से पेंशन नहीं मिली है। मनरेगा के तहत खुले राहत कार्य में मजदूरी करने वालों को मेहनताना नहीं मिला है। उस समय ग्रामीणों ने जमकर आक्रोश व्यक्त किया था। अफसरों के लिखित आश्वासन पर उन्होंने सुराज दल को बंधक से मुक्त किया था। इस घटना को छह से अधिक हो गए हैं, लेकिन अब तक यहां के ग्रामीणों की समस्याओं का हल नहीं हुआ है। गांव में ऐसा कोई भी वृद्ध महिला या पुरुष नहीं, जो 10 माह से पेंशन के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर न लगा रहा हो।

महिलाएं बोलीं- वक्त है बदलाव का… शराब लेकर आने वालों को घुसने नहीं देंगे

जोरापारा, मोछ, जूनापारा, मेंड्रा, बहतराई की महिलाओं ने कहा कि उनके पास सभी दल के प्रत्याशी वोट मांगने के लिए आ रहे हैं। सभी दल के लोग किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए सरकार आने पर बड़े-बड़े काम करने का वादा कर रहे हैं। ऐसे वायदे तो उन्होंने पहले भी देखे हैं, जो कभी पूरे नहीं हुए। महिलाओं ने कहा कि इस बार वे सभी प्रत्याशियों और उनके समर्थकों से कह रहे हैं कि अगर कोई शराब लेकर आया तो उसे गांव में घुसने नहीं देंगे, क्योंकि शराब वो बला है, जिसका खामियाजा महिलाओं को ही भुगतना पड़ता है। महिलाओं ने कहा कि यह वक्त है बदलाव का, इसलिए इस चुनाव में वो बदलाव के साथ वोट करेंगे।

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