बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद चौक-चौराहों पर हार-जीत की अटकलें लग रही हैं। जनता जहां कांग्रेस को जीता रही है, वहीं नेता भाजपा की सरकार बना रहे हैं। सबके अपने-अपने तर्क भी हैं। जनता कह रही है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में जनता त्रस्त हो चुकी है। नेताओं का कहना है कि सरकार ने 15 साल में छत्तीसगढ़ में विकास की गंगा बहाई है।
दूसरे चरण में 20 नवंबर को प्रदेश की 72 विधानसभा सीटों पर मत पड़े थे। देर शाम को उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया और ईवीएम को स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रख दिया गया है। 11 दिसंबर को ईवीएम से उम्मीदवारों का भाग्य खुलेगा।
बिलासपुर विधानसभा: शहर विधानसभा के चौक-चौराहों, पान ठेलों और सार्वजनिक जगहों पर हार-जीत को लेकर बहस छिड़ गई है। जनता और नेताओं की राय भी अलग-अलग है। जनता दावा करते हुए कह रही है कि इस बार बिलासपुर से कांग्रेस जीत रही है। इसके पीछे तर्क यह दे रही है कि सीवरेज, पेयजल, घटिया सड़क जैसे मुद्दे ने जनता के बीच सरकार के प्रति एंटी इनकंबेंसी का माहौल बनाया। यही वजह है कि जनता ने खुलकर मत दिया। दूसरी ओर, नेता कह रहे हैं कि जब बदलाव की बयार बहती है तो रिकार्ड वोट पड़ते हैं, लेकिन इस चुनाव में ऐसा कुछ नहीं दिखा। पिछले साल की तुलना में एक प्रतिशत वोट ही अधिक पड़े हैं। इस लिहाज से विकास पर जनता ने मुहर लगाई है।
ग्रामीण सीटों पर हो रही ये चर्चाएं
गांवों में सरकार के प्रति माहौल अलग ही है। ग्रामीण जनता नई सरकार को लेकर कई तरह के कयास लगा रहे हैं। जनता की मानें तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन रही है। इसलिए खेत से धान लाकर उन्होंने खलियान में रख दिए हैं। 11 दिसंबर को प्रदेश में नई सरकार का फैसला हो जाएगा। कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्हें प्रति क्विंटल पर 25 सौ रुपए मिलेंगे। पूरा धान बिकेगा और कर्ज माफ होगा, सो अलग।