केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मायावती के उत्तर प्रदेश के सीएम रहते हुए 2010 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में भर्ती के लिए कथित भाई-भतीजावाद एवं अन्य अनियमितताओं से सम्बंधित मामले की जांच की खातिर अज्ञात अफसरों के विरुद्ध प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज की है.अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया है कि राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित सरकार की शिकायत पर प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज की है, जिसने इसे जनवरी में केंद्र सरकार के जरिए सीबीआई के पास पहुंचाई थी.
उन्होंने बताया है कि आरोप है कि यूपीपीएससी के अफसरों समेत कुछ अज्ञात लोगों ने 2010 में अतिरिक्त निजी सचिवों के लगभग 250 पदों के लिए परीक्षा में अनियमितताएं कीं है. उन्होंने कहा है कि आरोप है कि उन्होंने अयोग्य उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाया. अफसरों ने शिकायतों का हवाला देते हुए दावा किया है कि कुछ उम्मीदवारों को परीक्षा में फायदा पहुंचाया गया जो मूल न्यूनतम योग्यता भी पूर्ण नहीं करते थे. उन्होंने बताया है कि प्राप्त हुई शिकायत में आरोप है कि 2007-12 में मायावती के सीएम रहते समय उत्तर प्रदेश सरकार में सेवारत कुछ नौकरशाहों के ‘‘निकट संबंधियों’’ का चयन पदों के लिए किया गया.
उन्होंने कहा कि आरोप है कि यूपीपीएससी के अफसरों ने परीक्षकों से मिलीभगत द्वारा अंकों में बदलाव किए ताकि उनका चयन हो सके. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया है कि ‘‘निकट संबंधी’’ क्या सरकार में चुने गए जनप्रतिनिधियों से सम्बंधित थे. अफसरों ने बताया है कि प्रदेश सरकार की शिकायत में ये आरोप हैं, हमने प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.