रायपुर। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने मोबाइल क्रांति की दिशा में विकास के लिए स्काई योजना की शुरूआत की थी। इस योजना के तहत लोगों को स्मार्ट फोन मुफ्त में बांटे गए थे। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यह योजना बंद कर दी गई है। इस योजना में अब भ्रष्टाचार की आशंका जताई जा रही है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पूरी योजना की सीएजी के माध्यम से जांच कराने की बात कही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को एक बयान देते हुए कहा कि स्काय योजना सिर्फ वोट बैंक हासिल करने के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने बनाई थी। इसके तरह घटिया स्तर के मोबाइल कम दरों पर खरीद कर लोगों को बांटे गए, जबकि इस योजना पर बड़ी रकम पूर्व सरकार ने खर्च की थी।
इसकी टेंडरिंग प्रक्रिया में व्यापक गड़बड़ियां हुई हैं और अब सीएजी के माध्यम से इसकी पूरी जांच कराई जाएगी। बता दें कि पूर्व भाजपा सरकार ने यह योजना चलाई थी जिसके तरह कॉलेज के छात्रों और गरीबों को मुफ्त में स्मार्ट फोन बांटे गए थे। कई जगहों पर इन फोन में विस्फोट की घटनाएं भी सामने आई थीं।
अंतराष्ट्रीय स्तर से मांगी गई थी निविदा
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा सरकार चाहें तो पूरी योजना की जांच करा सकती है स्काई योजना में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निविदा बुलाई गई थी।ईमानदारी से सभी प्रक्रिया का पालन किया गया था।सरकार का लक्ष्य मोबाइल बाटने के अलावा कनेविट्विटी बढ़ना था।इस के लिए बड़े पैमाने पर मोबाइल टावर भी लगाया गया था।