विशाखापत्तनम: 2019 लोकसभा चुनाव में देश भर में भाजपा ने भले ही अच्छा प्रदर्शन किया हो. किन्तु देश में एक प्रदेश ऐसा भी है, जहां लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा के ज्यादा वोट ‘इनमें से कोई नहीं’ यानी (नोटा) पर पड़े. यही स्थिति कांग्रेस की भी है. आंध्र प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान ऐसी ही हालात देखने को मिले हैं. साथ ही यहां भाजपा और कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई है.
आंध्र प्रदेश में इस बार लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव एक साथ आयोजित कराए गए थे. यहां तेदेपा और वाईएसआरसीपी के बीच कड़ी चुनावी टक्कर थी. ऐसे में यहां 23 मई को हुई मतगणना में यह बात सामने आई है कि नोटा पर भाजपा कांग्रेस से भी ज्यादा वोट पड़े हैं. आंकड़ों की बात करें तो आंध्र प्रदेश में 25 सीटों पर हुए लोकसभा चुनाव की वोटिंग में 1.5 फीसदी वोट नोटा पर पड़े. वहीं भाजपा को केवल 0.96 फीसदी वोट मिले. इसके साथ ही कांग्रेस को 1.29 प्रतिशत वोटों से संतोष करना पड़ा.
लोकसभा चुनाव 2019 के साथ ही आंध्र प्रदेश में आयोजित कराए गए विधानसभा चुनावों की बात करें तो 175 सीटों पर हुए मतदान में नोटा पर 1.28 प्रतिशत वोट पड़े. वहीं भाजपा को 0.84 प्रतिशत वोट मिले. कांग्रेस ने 175 सीटों पर हुए मतदान में 1.17 फीसदी वोट हासिल किए.