रायपुर। कलेक्टर्स-एसपी संयुक्त कॉन्फरेन्स के समापन के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में नक्सलवाद की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन के इन दोनों पहियों की भूमिकाएं स्पष्ट करते हुए कहा कि एक ओर तो नक्सलवाद को हर हालत में कुचलना है। किसी भी स्थिति में नक्सलवाद का नए क्षेत्रों में विस्तार नहीं होने देना है। वहीं दूसरी ओर युवाओं को अन्य तरह के भटकाव से निकाल कर उनमें काम का नशा चढ़ाना चाहिए। आदिवासियों का मन जीतने का प्रयास हमें सच्चे मन से करना होगा।
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बघेल ने कहा कि किसी को यह गलतफहमी नहीं रहना चाहिए कि हमारी सरकार नक्सलवाद के प्रति कोई नरम रूख रखने वाली है। नक्सलवाद से हमने जितना खोया है, उतना किसी और ने नहीं खोया होगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ खनिज आधारित उद्योग लगाने और उसमें विस्तार की एक सीमा होती है लेकिन हमारे कृषि और वन उत्पादों से लगने वाले उद्योगों की कोई सीमा नहीं होती और इसमें बहुत बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है। सरकार की विभिन्न योजनाओं से युवाओं और महिलाओं को जोड़ना बहुत बड़ा काम है। और इस काम के लिए हर गांव और हर घर तक पहुंचना होगा। क्योंकि एक बार युवाओं में काम का नशा लग गया तो न सिर्फ बस्तर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचल में विकास का अभूतपूर्व वातावरण बनेगा।
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मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि मुझे अपने अधिकारियों पर पूरा भरोसा है, मैंने लक्ष्य दे दिया है और आप लोगां को पूरी छूट है कि स्थानीय परिस्थितियों और मौलिक सोच के अनुसार सकारात्मक कार्यों को अंजाम दें। किसी को भी यह सोचने की आवश्यकता नहीं है कि हमारी सरकार किसी भी व्यक्ति विशेष के खिलाफ है। बल्कि हम तो उस हर व्यक्ति के साथ हैं, जो छत्तीसगढ़ का विकास चाहता है और उसमें भागीदारी निभाना चाहता है।