केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने इस सत्र से कक्षा 11वीं और 12वीं के सिलेबस में पाइथन लैंग्वेज, साइबर क्राइम और रियल केस स्टडी पढ़ाने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं, इन विषयों की जानकारी छात्रों के साथ अभिभावकों को भी दी जायेगी। इसके लिए स्कूलों को निर्देश भेजा जा रहा है। हर महीने शिक्षक-अभिभावकों की बैठक (पीटीएम) में आधे घंटे की कक्षाएं अभिभावकों के लिए भी चलेंगी। इस दौरान अभिभावकों को साइबर क्राइम से बच्चों को बचाने के उपाय बताए जाएंगे। बोर्ड की मानें तो हर स्कूल में साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति की जायेगी। इससे पढ़ाई को आसान बनाया जा सकेगा। ज्ञात हो कि पिछले कुछ सालों में बोर्ड के सारे काम ऑनलाइन और कंप्यूटर के माध्यम से ही हो रहे हैं। आए दिन विद्यार्थी साइबर क्राइम में फंसते हैं। इससे कई बार आर्थिक नुकसान भी होता है। कई बार तो मेल आदि हैक हो जाने की घटनाएं भी होती हैं।
– थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल पर होगा जोर
साइबर क्राइम की पढ़ाई में थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल पर जोर दिया जायेगा। इसमें हाल में घटी साइबर से जुड़े केस स्टडी पर जोर दिया जायेगा। बोर्ड के नोटिफिकेशन की मानें तो इसके लिए विशेष कक्षाएं हर सप्ताह आयोजित की जाएंगी।
इन बातों की मिलेगी जानकारी
– इंटरनेट के खतरे से बचने की मिलेगी नसीहत
– साइबर सिक्यूरिटी से अवगत होंगे
– साइबर से संबंधित किन-किन बातों को गुप्त रखना चाहिए
– इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय किन-किन बातों का ख्याल रखें, बताया जाएगा
सरकारी स्कूल बन रहे CBSE और ICSE छात्रों की पसंद
राजीव रंजन (सिटी कोऑर्डिनेटर, सीबीएसई) ने कहा- साइबर से जुड़ीं कई दिक्कतें आए दिन छात्रों के सामने आती हैं। इस कारण इसे सिलेबस में जोड़ा गया है। अभिभावक भी इससे अवगत हों, इसके लिए पीटीएम में विशेष तौर पर उन्हें बताया जायेगा।