Monday, December 23, 2024
Homeछत्तीसगढ़छत्तीसगढ़: ’उस गांव के स्कूल में तिलक लगाकर नवप्रवेशी बच्चों का स्वागत...

छत्तीसगढ़: ’उस गांव के स्कूल में तिलक लगाकर नवप्रवेशी बच्चों का स्वागत करेंगे मुख्यमंत्री जहां छात्र जीवन में स्कूल आने रोज तय करते थे 16 किमी का सफर’…

दुर्ग जिले के ग्राम मर्रा में आज प्रदेश स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव

रायपुर। दुर्ग जिले के ग्राम मर्रा के नवप्रवेशी बच्चों के शाला का पहला दिन जीवन भर का अविस्मरणीय अनुभव रहेगा। उनके सीनियर और अब प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तिलक लगाकर उनका स्वागत करेंगे। वे स्कूली बच्चों के साथ ही मध्याह्न भोजन भी करेंगे और स्कूल में एक कंप्यूटर लैब, आईसीटी कक्ष का उद्घाटन करेंगे।

मुख्यमंत्री आज 26 जून को दुर्ग जिले के विकासखण्ड पाटन के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला, मर्रा में आयोजित प्रदेश स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। वे यहां प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक शाला में नव-प्रवेशित विद्यार्थियों का तिलक लगाकर स्वागत करेंगे और उन्हें पाठ्यपुस्तकें और गणवेश का वितरण करेंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम करेंगे। इस अवसर पर गृह एवं लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्र कुमार, लोकसभा सांसद विजय बघेल, राज्यसभा सांसद सुश्री डॉ. सरोज पाण्डेय, विधायक सर्वश्री अरूण वोरा, देवेन्द्र यादव, विद्यारतन भसीन और आशीष छाबड़ा के विशिष्ट आतिथ्य में आयोजित किया गया है। यह कार्यक्रम शाला प्रांगन में सुबह 11 बजे से आयोजित होगा।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने गृह ग्राम बेलौदी में 1967 से 1971 तक प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई की थी। इसके बाद वे छठवीं से मैट्रिक तक मर्रा स्कूल में पढ़े। उस दौर में उनको गणित पढ़ाने वाले सेवानिवृत्त शिक्षक हीरा ठाकुर याद करते हैं कि ’’पढ़ाई को लेकर उनमें काफी लगन थी। उस समय हर कक्षा में लगभग 100 विद्यार्थी होते थे इसलिए सबकी शंकाओं का समाधान क्लास में नहीं हो पाता था। मैंने बच्चों से कहा था कि जिन्हें शंका है वे रोज सुबह-सुबह आकर एक्सट्रा क्लास अटेंड कर लें। इन छात्रों में भूपेश बघेल भी शामिल थे।

विद्यार्थी के रूप में बघेल सुबह-सुबह चार किमी तक कभी साइकिल से आते और कभी बरसात की वजह से पैदल आते क्योंकि पगडंडी रास्ता था और काफी खराब हो जाता था। फिर बेलौदी लौटते और फिर साढ़े दस बजे स्कूल के समय में पहुंच जाते। इस प्रकार सोलह किमी रोज उन्हें साइकिल से अथवा पैदल तय करना होता।’’

ठाकुर सर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यहां ग्यारहवीं तक पढ़ाई की और इसके बाद भी उनसे सतत संपर्क बना रहा। जब भी वे अपने गृह ग्राम बेलौदी अथवा कुरूदडीह जाते, अवसर मिलने पर मिलने आते और चाय के लिए कहते। लंबी चर्चा होती और अंचल के विकास के बारे में, खेती किसानी के बारे में और बच्चों की शिक्षा के विषय में बात होती। उनकी इस तरह की सक्रियता और खुलापन मुझे बहुत अच्छा लगता। मुझे गौरव है कि मेरा पढ़ाया हुआ छात्र आज प्रदेश का मुख्यमंत्री है।

मुख्यमंत्री जिस दौर में पढ़ाई कर रहे थे, उस समय हाई स्कूल केवल मर्रा, पाटन, अर्जुंदा जैसी जगहों में था और कई बार यह होता था कि लंबी दूरी तय करने से बचने कुछ छात्र पढ़ाई के प्रति अनिच्छा दिखा देते थे। उस समय जो संघर्ष किया, गुरुजनों का सम्मान किया, उनकी बातें याद रखीं, वे उनके आगामी संघर्ष के लिए पथप्रदर्शक हुए और अभी जब वो प्रदेश की लाखों जनता के लिए इतना अच्छा कार्य कर रहे हैं तो मुझे बहुत खुशी मिलती है।

spot_img
RELATED ARTICLES

Recent posts

error: Content is protected !!