डीआरएस लेने का फैसला बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि अगर यह आपके पक्ष में गया तो आप दोबारा इसका उपयोग कर सकते हैं. नहीं तो परिणाम उलट जाने के साथ ही आप इसे दोबारा लेने का अवसर भी गंवा देते हैं. कुछ क्रिकेट विशेषज्ञों ने तो डीआरएस का नाम डिसीजन रिव्यू सिस्टम के स्थान पर ‘धोनी रिव्यू सिस्टम’ तक रख दिया है. ऐसे में डीआरएस लेने के मामले में एम एस धोनी विराट के सबसे बड़े हथियार माने जाते हैं.
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धोनी डीआरएस के एक्सपर्ट हैं, किन्तु आज इंग्लैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप मैच में माही डीआरएस के मोर्चे पर नाकाम हो गए. हुआ यूं कि भारत के लिए सिर दर्द बनी जेसन रॉय और जॉनी बेयरस्टो की सलामी जोड़ी को तोड़ने के लिए कप्तान विराट कोहली ने हार्दिक पंड्या को 11वें ओवर में गेंद थमाई. हार्दिक पंड्या के 11वें ओवर की पांचवीं गेंद जेसन रॉय के ग्लव्स को चूमती हुई धोनी के दस्तानों में चली गई. जिसके बाद पंड्या और धोनी ने कैच की अपील की, किन्तु अंपायर ने इसे वाइड करार दिया.
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इसके बाद कोहली ने धोनी से बात की. धोनी की ही सलाह पर कप्तान ने डीआरएस नहीं लिया. कोहली ने उस वक़्त धोनी की सुनी और डीआरएस का इस्तेमाल नहीं किया और बाद में रिप्ले से स्पष्ट हुआ कि गेंद जेसन रॉय के ग्लव्स को चूमती हुई निकली है. उस समय रॉय 21 के निजी स्कोर पर बल्लेबाजी कर रहे थे और रॉय 66 रन बनाकर कुलदीप यादव की गेंद पर आउट हुए