बिलासपुर। कांग्रेस सरकार की त्वरित खाद-बीज और ऋण वितरण योजना की सहकारी समिति के अफसर ही पलीता लगाने में लगे हैं। नेवरा सहकारी समिति में किसानों को खाद-बीज और ऋण वितरण करने में गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। जांच में इसकी पुष्टि होने पर संस्था प्रबंधक और प्रभारी संस्था प्रबंधक को नोटिस जारी कर 3 दिनों में जवाब मांगा गया है।
जिला सहकारी समिति के अधीन ग्राम पंचायत नेवरा में सहकारी समिति है। कांग्रेस सरकार ने खेती-किसानी के सीजन को देखते हुए सभी किसानों को तत्काल खाद-बीज और ऋण देने का आदेश दिया है, लेकिन नेवरा समिति के अफसरों को शासन के आदेश की कोई परवाह नहीं है। बीते 18 जुलाई को आसपास गांव के दर्जनों किसान खाद-बीज और कर्ज लेने के लिए नेवरा समिति पहुंचे हुए थे। मौके पर तौल करने वाले दो कर्मचारी मौजूद थे। संस्था प्रबंधक ताराचंद आहिरे और प्रभारी संस्था प्रबंधक रविप्रसाद साहू अपने-अपने चेंबर में ताला बंदकर गायब थे। पूछताछ करने पर समिति में मौजूद दोनों कर्मचारियों ने बताया कि प्रभारी संस्था प्रबंधक साहू कोटा गए हैं, जबकि संस्था प्रबंधक आहिरे खाद वितरण करने के लिए नवापारा गए हुए हैं। समिति के बाहर घंटों इंतजार करने के बाद जब दोनों में से कोई अफसर नहीं पहुंचे तो ग्रामीणों ने जिला सहकारी बैंक के सीईओ एके खान से मामले की शिकायत की। इसे गंभीरता से लेते हुए सीईओ खान ने बिलासपुर से दो और कोटा से दो अफसरों को जांच करने के लिए भेजा।
चार सदस्यीय टीम ने नेवरा समिति के बाहर बैठे ग्रामीणों से बातचीत की और दोनों कर्मचारियों से सवाल-जवाब किया। साथ ही कोटा और नवापारा के सेल्समैन से दोनों अफसरों के बारे में पूछताछ की गई तो पता चला कि दोनों अफसर वहां गए ही नहीं हैं। दोनों अफसरों का मोबाइल भी बंद था। टीम ने जांच रिपोर्ट तैयार कर जिला सहकारी बैंक की शाखा करगीरोड कोटा को सौंप दी है। करगीरोड कोटा के पर्यवेक्षक माधव चौहान ने संस्था प्रबंधक आहिरे और प्रभारी प्रबंधक साहू को नोटिस जारी कर कहा है कि राज्य शासन का आदेश है कि किसानों को ऋण वितरण शिविर लगाकर किया जाए, ताकि समय पर खाद और बीज मिल सके, लेकिन इस आदेश का आपने उल्लंघन किया है। इसलिए क्यों ने आपके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। उन्होंने तीन दिन के भीतर अपना जवाब प्रधान कार्यालय को देने को कहा है।
तीन बैंकों से मांगी जा रही एनओसी
किसानों के अनुसार जिले में नेवरा समिति ही एक ऐसी समिति है, जहां ऋण देने से पहले तीन सहकारी बैंक कोटा, तखतपुर और गनियारी से एनओसी मांगी जा रही है। नेवरा से तखतपुर की दूरी करीब 50 किमी, कोटा 14 और गनियारी की दूरी 4 किमी है। तीनों बैंकों का चक्कर काटने से समय जाया हो रहा है। धन की बर्बादी सो अलग। जांच अधिकारी चौहान के अनुसार किसी भी समिति को एनओसी मांगने का अधिकार नहीं दिया गया है।
विधायक के ससुराल गांव के अफसर बेपरवाह
नेवरा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता स्व. बलराम सिंह का गांव है। वर्तमान में तखतपुर से रश्मि सिंह विधायक हैं, जो स्व. बलराम सिंह की बहू है। बीते दिनों विधायक श्रीमती सिंह अपने ससुराल गांव नेवरा गई थीं। समिति के बाहर खड़े किसानों ने उनसे खाद-बीज और कर्ज वितरण में लापरवाही बरतने की शिकायत की थी। इसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने समिति के अधिकारी-कर्मचारियों को लापरवाही से बाज आने की चेतावनी दी थी। इसके बाद भी अफसरों के रवैए में कोई बदलाव नहीं आया है।
दोनों अफसरों से मांगा गया है जवाब
करगीरोड कोटा के पर्यवेक्षक और जांच अधिकारी चौहान ने बताया कि जांच में किसानों की शिकायत सही मिली है। दोनों अफसरों का मोबाइल भी बंद था। खाद-बीज और कर्ज वितरण में गंभीर लापरवाही बरतने पर दोनों अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।