बिलासपुर। सुप्रीम कोर्ट ने 10 हजार का इनामी भगौड़ा और शातिर ठग हरदीप सिंह खनूजा को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे आरोपी को जमानत का लाभ नहीं मिलना चाहिए। यदि ऐसे आरोपी छूट जाएंगे तो वह फिर से लोगों को ठगी का शिकार बनाएंगे और धोखाधड़ी करेंगे।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान बिलासपुर निवासी सुनील छाबड़ा के सुप्रीम कोर्ट दिल्ली व छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के 3 अधिवक्ताओं के पैनल ने ठग बिल्डर हरदीप खनूजा की जमानत का पुरजोर विरोध किया, जिसे जस्टिस ने सुना और अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। बताया जा रहा है कि इनामी ठग बिल्डर हरदीप खनूजा वेश बदलकर सुप्रीम कोर्ट परिसर में दिखा था। जैसे ही उसे जमानत खारिज होने की खबर लगी, वह वहां से भाग गया। बिलासपुर के अधिवक्ताओं ने उसे नागा बाबा के वेश में देखा है। इससे पहले ठग हरदीप ने बिलासपुर जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, जिसे सुनवाई के बाद जिला कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद बिलासपुर पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोपी बिल्डर हरदीप सिंह खनूजा को पकड़वाने के लिए 10 हजार रुपए के इनाम की घोषणा की थी। वह एक साल से फरार है।
यह है मामला
तखतपुर क्षेत्र में बिल्डर हरदीप सिंह खनूजा के साथ ही पार्टनर सुनील छाबड़ा, रवि मोटवानी, अजय गुरुनानी ने मिलकर जमीन खरीदी। उन्होंने जमीन को प्लाट काटकर बेचने की योजना बनाई थी, लेकिन पार्टनर हरदीप सिंह ने अपने सहयोगियों को बताए बिना ही जमीन का सौदा कर लिया और कई लोगों को प्लाट काटकर बेचने की गुपचुप तरीके से योजना बना ली। इस बीच उनके पार्टनर्स को मामले की जानकारी हुई। उन्होंने वर्ष 2015 में मामले की शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने इस मामले की जांच के बाद आरोपी बिल्डर हरदीप खनूजा के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर लिया। तब से यह मामला लंबित है।