बिलासपुर। मस्तूरी के एक ग्रामीण ने आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर पर संगीन आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है। उसका दावा है कि आबकारी इंस्पेक्टर अपनी कार में मध्यप्रदेश से शराब भरकर लाता है और अवैध रूप से बेचने के लिए ग्रामीणों पर दबाव बनाता है। ऐसा नहीं करने पर झूठे मामलों में फंसाने, जान से मारने और जेल में रखकर प्रताड़ित करने की धमकी तक देता है। सीएम के नाम सौंपे गए ज्ञापन में ग्रामीण ने 10 दिनों के अंदर इंस्पेक्टर पर कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट से इच्छा मृत्यु मांगने की बात कही है।
मस्तूरी ब्लॉक की ग्राम पंचायत मस्तूरी निवासी रामकुमार सिंह ने बीते 27 जुलाई को मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें उसने बताया है कि वह पहले अवैध शराब बेचा करता था। इससे ही उसका परिवार का खर्च चलता था। सहायक आयुक्त आबकारी कार्यालय बिलासपुर में पदस्थ इंस्पेक्टर आशीष सिंह ने उसे पूर्व में अवैध शराब के साथ पकड़ा था। उसका आरोप है कि पकड़ी गई अवैध शराब की कीमत से पांच गुना लेकर उसे बिना मामला दर्ज किए छोड़ दिया गया था। इसके बाद से दो साल तक उसने यह काम बंद रखा। ग्रामीण रामकुमार का आरोप है कि विधानसभा चुनाव के बाद से क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री चरम पर है। इंस्पेक्टर आशीष सिंह अपनी कार में मध्यप्रदेश से निर्मित शराब लेकर आता है और गांव की दुकान में रखवाकर अवैध रूप से बेचने के लिए ग्रामीणों को मजबूर किया जा रहा है। उनके इस काम से हम गांववाले भयभीत हैं। आरोप है कि अवैध शराब बेचने से मना करने पर इंस्पेक्टर सिंह गांव वालों को झूठे मामलों में फंसाने, जान से मारने और जेल में रखकर प्रताड़ित करने की धमकियां देता है। ग्रामीण रामकुमार ने 10 दिनों के भीतर इंस्पेक्टर पर कार्रवाई नहीं होने पर इच्छामृत्यु मांगने के लिए हाईकोर्ट जाने की बात कही है।
कहते हैं- मंत्री और अधिकारियों को पहुंचाता हूं पैसा
ग्रामीण रामुकमार के अनुसार इंस्पेक्टर आशीष सिंह ग्रामीणों से कहता है कि उनकी पहुंच बड़े अधिकारियों तक है। अधिकारी से लेकर मंत्री तक को पैसे भेजता हूं। तुम लोग कमाकर नहीं दोगे तो मैं कहां से अधिकारियों और मंत्री तक पैसे पहुंचाऊंगा। मुझे आबकारी विभाग बिलासपुर से कोई नहीं हटा सकता। मैं रिटायर होने तक यहीं रहूंगा और मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
शिकायतकर्ता बयान दे, जांच करा दूंगा: गोस्वामी
मामले में सहायक आयुक्त आबकारी गोस्वामी का कहना है कि जो ग्रामीण ऐसा आरोप लगा रहा है। वह आकर उन्हें बयान दे दे। उसके आरोपों की जांच करा दी जाएगी। जांच में आरोप सही निकला तो कार्रवाई भी होगी। इस मामले में पक्ष जानने के लिए इंस्पेक्टर आशीष सिंह को दो बार उनके मोबाइल पर कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने रिंग जाने के बाद भी रिसीव नहीं किया। वाट्सएप पर शिकायत की कापी भेजकर पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कोई रिप्लाई नहीं दिया।
ट्रांसफर होने के बाद भी नहीं हुआ रिलीव
पिछले दिनों राज्य शासन ने आबकारी विभाग में थोक में तबादला किया था। इसमें इंस्पेक्टर आशीष सिंह का भी नाम था। उस समय यहां शर्मा सहायक आयुक्त थे। उन्होंने उन्हें रिलीव नहीं किया। सहायक आयुक्त गोस्वामी का कहना है कि उनके जिम्मे 9 सर्किल है। यहां इंस्पेक्टरों की कमी बनी हुई है। अगर ट्रांसफर होकर कोई भी इंस्पेक्टर यहां ड्यूटी ज्वाइन करता है तो आशीष सिंह को तत्काल यहां रिलीव कर दिया जाएगा।