कांग्रेस में दो महीने से चला आ रहा संकट आखिरकार शनिवार को सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के साथ समाप्त हो गया। कार्यसमिति की दिनभर चली बैठक के बाद पार्टी की कमान एक बार फिर सोनिया गांधी को सौंपने का फैसला किया गया। साथ ही अध्यक्ष पद से राहुल गांधी का इस्तीफा भी मंजूर कर लिया गया।
बैठक के बाद कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष होंगी। कांग्रेस जल्द ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की बैठक बुलाकर नए अध्यक्ष के लिए चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर देगी। हालांकि, इसकी कोई समय सीमा नहीं बताई है।
आदरणीया सोनिया गांधी जी का नेतृत्व सदैव प्रभावी रहा है। ऐसे समय में जब देश अनेक चुनौतियों से गुजर रहा है, हम सब कांग्रेस कार्यकर्ता "आइडिया ऑफ इंडिया" को बचाने के लिए हमारी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया जी के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे।
सभी को बधाई। https://t.co/dLtQ05Qc0M
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 10, 2019
चिदंबरम ने प्रस्ताव रखा : शनिवार शाम जब दोबारा कार्यसमिति की बैठक में फिर सदस्यों ने राहुल से इस्तीफे की पेशकश पर पुनर्विचार को कहा। इस पर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बताया कि वह इसके लिए तैयार नहीं हैं। इसके बाद पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाने का सुझाव रखा। सभी सदस्यों ने इस पर मुहर लगा दी। पर सोनिया गांधी इसके लिए तैयार नहीं थी। सूत्रों के मुताबिक उनका कहना था कि इससे यह संदेश जाएगा कि गांधी परिवार अपने से बाहर किसी को अध्यक्ष नहीं बनने देना चाहता है। पर सभी सदस्यों के आग्रह पर उन्होंने अंतरिम अध्यक्ष बनना स्वीकार लिया।
कश्मीर पर प्रस्ताव : राहुल गांधी इस बैठक से दूर रहे। हालांकि, जम्मू कश्मीर में स्थिति पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी कुछ देर के लिए बैठक में मौजूद रहे। पर कश्मीर पर प्रस्ताव पारित होने के बाद बाहर निकल गए। राहुल पहले ही साफ कर चुके थे कि वह इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं।
राहुल गांधी नहीं माने
कार्यसमिति की सुबह हुई बैठक में सर्वसम्मति से राहुल गांधी से इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया गया। हालांकि उन्होंने इसे ठुकरा दिया। जानकारी के मुताबिक बैठक में 90 फीसदी सदस्यों ने अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी को पहली पसंद बताया।
नया अध्यक्ष चुने जाने तक जिम्मा संभालेंगी
* नया अध्यक्ष चुने तक वह इस जिम्मेदारी को संभालेंगी, इससे पार्टी को कुछ समय मिल गया।
* उनके नेतृत्व में केंद्र में लगातार दो बार यूपीए सरकार रही थी।
* 14 मार्च 1998 को पहली बार कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं।
* 15 मई 1999 में शरद पवार के विरोध के बाद पद छोड़ा।
* 24 मई 1999 को एकबार फिर अध्यक्ष पद संभाला और 2017 तक कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं।