दंतेवाड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने शनिवार रात कलेक्टर बंगले के बाहर डेरा डाल दिया था। एनएमडीसी के रेस्ट हाउस में कमरा नहीं मिलने से नाराज होकर वे सड़क पर रात बिताने की तैयारी करने लगे थे। देर रात उनकी मांग मान लिए जाने से उन्होंने अपना प्रदर्शन वापस लिया। जोगी का आरोप है कि कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने उन्होंने एनएमडीसी के गेस्ट हाउस में रुकने नहीं दिया। जबकि एनएमडीसी के चेयरमैन बैजेन्द्र कुमार से उन्होंने कमरा मांग लिया था।
जोगी का यह भी कहना है कि व राज्य के पहले मुख्यमंत्री हैं और वर्तमान विधायक हैं लेकिन उनके साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया जा रहा है। मैंने कलेक्टर को कुछ दिन पहले ही बात कर कमरे की मांग की थी मुझे एनएमडीसी में कमरा एलॉट भी किया गया था। मेरे दौरे के बाद अचानक कमरा नहीं होने की बात कह रहे हैं। ज्ञात हो कि अजीत जोगी पांच दिवसीय प्रवास पर दंतेवाड़ा में रहेंगे।
कलेक्टर निवास के बाहर जोगी बैठे सड़क पर, देर रात तक चला ड्रामा
जोगी ने कहा भूपेश सरकार मुझसे डरती है उनको ऐसा लगता है कि मेरे यहां दंतेवाड़ा में रुकने से उनकी हार सुनिश्चित है। इसलिए सबसे पहले मेरे बेटे को गिरफ्तार करवाया और उसके बाद मेरे साथ यह बर्ताव कर रहे हैं लेकिन मैं यहां से जाने वाला नहीं।
इधर जिला निर्वाचन अधिकारी टोपेश्वर वर्मा का कहना है कि जिले में आदर्श आचरण संहिता लागू है जोगी जी को जेड प्लस सुरक्षा वर्तमान में उपलब्ध नहीं है अगर वह जेड प्लस श्रेणी में आते तो उन्होंने रुकने का इंतजाम कर सकते थे अगर मेरे बंगले के सामने जोगी जी यूं ही बैठे रहे तो उन्होंने जो भी उचित कानूनी कार्रवाई होगी वह होगी। देर रात जोगी रेस्ट हाउस पहुंचे।
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