कांकेर में 5 साल पहले खुली दत्तक ग्रहण एजेंसी की अनाथ बच्ची पहली बार जाएगी विदेश
कांकेर। शहर के प्रतिज्ञा विकास संस्थान दत्तक ग्रहण एजेंसी से एक बच्ची को विदेशी दंपती गोद लेंगे। इसकी प्रक्रिया अभी चल रही है। 5 साल से कांकेर में संचालित इस संस्था से पहली बार कोई विदेशी दंपती बच्चे को गोद ले रहे हैं। संस्था में बालकों की अपेक्षा बालिकाओं को गोद लेने के लिए ज्यादा आवेदन आ रहे हैं जो इस बात को दर्शाता है कि लोगों की मानसिकता में परिवर्तन आ रहा है। शहर के प्रतिज्ञा विकास संस्थान दत्तक ग्रहण एजेंसी से 9 महीने की बच्ची को कैलिफोर्निया के दंपती को गोद देने की प्रकिया अंतिम चरण में है। अभी तक इस संस्था के माध्यम से छत्तीसगढ़ के अलावा देश के दूसरे राज्यों के लोग बच्चों को गोद ले चुके हैं।
संस्था के माध्यम से निसंतान दंपती को 0 से 6 वर्ष तक के अनाथ, परित्यक्ता एवं अभ्यर्थित बच्चों को गोद दिया जाता है। इसके लिए अॉनलाइन पंजीयन करना पड़ता है। अभी तक इस संस्था के माध्यम से 18 बच्चों को गोद दिया जा चुका है। यहां से केरल, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक के दंपती बच्चों को गोद ले चुके हैं। संस्था में 6 वार्ड आया और एक नर्स बच्चों की देखभाल मां की तरह करती हैं। अधीक्षक निलेश कुमार द्विवेदी ने कहा कि बालक से ज्यादा बालिकाओं गोद लेने लोग रुचि ले रहे हैं। जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना लारिया ने कहा कि पहली बार कोई विदेश में रहने वाली दंपती यहां से 9 महीने की बच्ची को गोद लेगी। प्रकिया अभी चल रही है।
गोद लेने के लिए ऑनलाइन करना पड़ता है आवेदन
नि:संतान दंपती को यहां से बच्चों को गोद लेने ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है। दंपती को पेनकार्ड, आधार कार्ड, मैरिज सर्टिफिकेट, मेडिकल प्रमाण पत्र, आयकर रिटर्न जमा करना पड़ता है। कांकेर में ही मान्यता प्राप्त विशेषीकृत दत्तक ग्रहण एजेंसी शुरू होने से जिले के निसंतान दंपती को सुविधा हो रही है जबकि पहले उन्हें रायपुर या बिलासपुर जाना पड़ता था।
बालिकाओं को गोद लेने ज्यादा रुचि ले रहे लोग
बालकों की अपेक्षा बालिकाओं को गोद लेने लोग ज्यादा रुचि ले रहे हैं। अभी तक गोद दिए गए 18 बच्चों में से 10 बालिका और 8 बालक हैं। वर्तमान में संस्था में 13 बच्चे है।
ऐसे देख देख सकते हैं फोटो
आवेदन करने वाले निसंतान दंपती यहां के पोर्टल में बच्चों की फोटो देख सकते हैं। इसमें बच्चे के संबंध में मेडिकल और अन्य तमाम जानकारी रहती है। फोटो के आधार पर बच्चे का चयन करते हैं।