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छत्तीसगढ़

नान घोटाला / प्रदेश की राजनीति में भूचाल, लेकिन आरोपी भट्‌ट के शपथ-पत्र पर कोर्ट में कुछ स्टैंड नहीं

164 के बयान के लिए मामले की जांच कर रहे एंटी करप्शन ब्यूरो ने किसी भी कोर्ट में कोई आवेदन ही नहीं लगाया

मुख्य आरोपी शिवशंकर भट्ट के द्वारा पेश किए गए एफिडेबिट को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने

रायपुर. प्रदेश के बहुचर्चित नान घोटाले के मामले में धारा-164 के जिस बयान को लेकर बीते पखवाड़े भर से छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल आया है, वास्तव में ऐसा कहीं नहीं हुआ है। 164 के बयान के लिए मामले की जांच कर रहे एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने किसी भी कोर्ट में कोई आवेदन ही नहीं लगाया।

नान घोटाले के मुख्य आरोपी शिवशंकर भट्ट के द्वारा पेश एफिडेबिट को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। इसका कानूनी पक्ष यह है कि जांच एजेंसी ने मामले की आगे की जांच के लिए कोर्ट में न कोई आवेदन दिया है न कोई और कागज पेश किया। केवल आरोपी के बयान पर राजनेता के साथ साथ उन

कानूनी जानकारों का कहना है कि जब किसी मामले का ट्रायल चल रहा हो तो उसमें 164 के तहत आरोपी का बयान नहीं हो सकता। जब तक जांच एजेंसी के द्वारा कोई नया आवेदन पेश न किया जाए। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ है। एसीबी की ओर से कोई भी आवेदन कोर्ट में नहीं दिया गया है, लेकिन आरोपी भट्ट ने अपनी ओर से एक एफिडेबिट पेश कर 164 के बयान देने की खबर सामने आई। इतना ही नहीं भट्ट ने अगले ही दिन बकायदा एक प्रेस कांफ्रेंस कर 4 साल पुराने नान घोटाले को लेकर तरह तरह के खुलासा किया।

भट्‌ट के खिलाफ कब और क्या कार्रवाई हुई

  • मार्च 2015 में भट्‌ट को नान मामले में किया गया गिरफ्तार।
  • 2015 में ही उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला हुआ दर्ज।
  • 2017-18 में रिश्वतखोरी के एक पुराने मामले में हुई पांच साल की कैद।
  • विवेचना तथा प्रकरण में विचारण के पूर्व धारा 164 का कथन लिया जा सकता है।  -सुरेंद्र महापात्र, पूर्व बार काउंसिल अध्यक्ष
  • इस मामले में राजनीति से परे निर्णय के लिए सीबीआई जांच होनी चाहिए। आज सरकार की मंशा उजागर हो गई। पूरे प्रकरण में सीएम भूपेश बघेल स्क्रिप्ट राइटर और भट्ट रीडर हैं। आने वाले दिनों में सरकार की सारी करतूत उजागर हो जाएगी। – डॉ. रमन सिंह, पूर्व सीएम
  • यह पूरा मामला हास्यास्पद है। इतने साल से क्या कर रहे थे। छापा तो उन्हीं की सरकार के द्वारा मारा गया था और जांच भी उन्हीं की सरकार ने शुरू की थी। अब मामला न्यायालय में है, न्यायालय ही फैसला करेगा।- भूपेश बघेल, सीएम
  • मेरा 164 के तहत कोई बयान नहीं हुआ है। जब मामले का ट्रायल चल रहा हो तो इसके तहत बयान नहीं होते। -एसएस भट्ट, आरोपी
  • जिस मामले में पुलिस जांच लंबित है उसमें धारा 164 के तहत बयान लिया जा सकता है -महाधिवक्ता, सतीश चंद्र वर्मा

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