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छत्तीसगढ़

मंडे पॉजिटिव / महामाया मंदिर आ रहे श्रद्धालुओं को थैला देकर छात्र बोले- कपड़ा के झोला, बचाही तोला मोला

नवरात्र में पॉलीथिन के खिलाफ सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्रों की मुहिम, पहले दिन बांटे 500 लोगों को कपड़े के थैले

लोग पॉलीथिन का उपयोग करना बंद करे इसलिए नवरात्र के मौके पर छात्रों का ग्रुप चला रहा विशेष अभियान

बिलासपुर. शारदीय नवरात्र शुरू होते ही एक तरफ जहां लोग पूजा-अर्चना में लग गए हैं। वहीं दूसरी तरफ सीयू के छात्रों का ग्रुप पॉलीथिन का उपयोग बंद करने का मुहिम चला रहा है। नवरात्र के पहले ही दिन महामाया मंदिर रतनपुर परिसर में छात्रों के ग्रुप ने वहां देवी दर्शन करने पहुंचे 500 श्रद्धालुओं को कपड़े का थैला बांटा। वे पॉलीथिन में नारियल, चुनरी आदि लेकर आए थे। छात्रों ने उनसे पॉलीथिन लेकर यह भी समझाया कि पॉलीथिन का उपयोग कितना भयावह हो सकता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ी में स्लोगन भी लोगों को सुनाया…कपड़ा को झोला, बचाही तोला मोला।

9 दिन तक छात्र मंदिर में करेंगे श्रद्धालुओं की सेवा

  1. इस नवरात्रि में मां महामाया परिसर में सीयू की छात्रा आकृति ताम्रकार और उनके साथी पॉलीथिन बंद करने, स्वच्छता और जल संरक्षण की ज्योति जला रही हैं। नवरात्र के पहले ही दिन से मंदिर परिसर में अपना कार्य शुरू कर दिए। राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता नितेश कुमार साहू, शशांक गुप्ता, साकेत शर्मा, किशन पटेल, योगेन्द्र शास्त्री, मुदस्सिर खान, सौम्य शर्मा, अंजली ताम्रकार के साथ आकृति ने मंदिर परिसर के अंदर दुकान संचालित करने वाले सभी व्यापरियों और मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं से अपील करते रहे। पहला दिन होने के कारण उनका अभियान देर से शुरू हुआ।
  2. सोमवार से वे सुबह से लेकर शाम तक वहां रहकर अपने इस अभियान में जुटे रहेंगे। छात्रों ने अपने अभियान को सफल बनाने के लिए पूरे मंदिर में जगह-जगह पोस्टर और स्लोगन लगाया है। छात्रों का यह ग्रुप पूरे नौ दिन तक अभियान चलाएगा। उनके इस काम को देखकर लोग कह रहे हैं कि यह भी अपने तरह की पूजा ही है। छात्र-छात्राएं मंदिर पहुंचने वाले सभी श्रद्धालुओं से पॉलीथिन लेकर उन्हें थैला बांट रहे हैं। श्रद्धालुओं को वे पॉलीथिन का उपयोग पूरी तरह बंद करने की अपील भी कर रहे हैं। छात्रों ने बताया कि वे इस अभियान के साथ-साथ सफाई का कार्य भी करेंगे।
  3. यूनिवर्सिटी की छात्रा ने पॉकेट मनी से खरीदे दो हजार थैले

    इस अभियान में छात्रों का दल जुटा है पर थैला खरीदा है छात्रा आकृति ने। आकृति ने बताया कि वह पॉलिथीन का उपयोग बंद करने के लिए लोगों को जागरूक करने के बारे में पहले से सोच रही थी। कोनी सब्जी मंडी में अभियान चलाया गया लेकिन दो सप्ताह बाद लोग फिर से पॉलीथिन का उपयोग करने लगे। नवरात्र का इंतजार कर रही थी। पॉकेट मनी बचाई और नवरात्र शुरू होते ही इस अच्छे कार्य के लिए मां महामाया मंदिर पहुंच गए। पॉकेट मनी से 2 हजार थैला खरीदी।

  4. पोस्टर और बैनर बनवाई। पूरे मंदिर में जगह-जगह प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की अपील पोस्टर व बैनर से कर रहे हैं। वहीं मेन गेट पर जो भी पॉलीथिन लेकर आ रहा है, उससे पॉलीथिन लेकर उसे थैला दे रहे हैं। पहले दिन 500 थैला इकट्ठा की। लोगों से 2 बैग पॉलीथिन वापस ली हूं। पिछले साल विभिन्न मंत्रालयों के समन्वयक से आयोजित स्वच्छ भारत समर इंटर्नशिप में यूनिवर्सिटी के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवक के रूप में आकृति विजेता थी। उसे 30 हजार रुपए पुरस्कार भी मिला था।
  5. रतनपुर के तालाबों को प्रदूषण मुक्त बनाने करेंगे सफाई

    छात्रों के ग्रुप ने बताया कि रतनपुर में रिकॉर्ड के अनुसार 159 तालाब हैं, इसमें से 50 प्रतिशत तालाबों का अतिक्रमण हो चुका है। सात तालाब पूरी तरह से विलुप्त हो चुके हैं। जो बचे हैं, उसमें प्लास्टिक का प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। इन तालाबों को बचाने भी काम शुरू कर दिए हैं। रतनपुर के तालाबों की सफाई कर रहे हैं। साथ ही तालाब के अास-पास के लोगों को उसमें कचरा नहीं फेंकने जागरूक कर रहे हैं। आकृति जल संरक्षण के जागरूकता के लिए यू-ट्यूब में वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से भी लोगों तक जगाने का काम कर रही है।

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