बिलासपुर। जोगी की जाति मामले में आगे की कार्रवाई पर रोक लगाने लगाई गई याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। बता दे हाई पावर कमेटी की जांच में जोगी के आदिवासी नहीं होने की बात सामने आई थी, जिसके बाद कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार ने बिलासपुर सिविल लाइन में जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
आगे की कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए जोगी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मामले की सुनवाई जस्टिस सामंत के कोर्ट में हुई। कोर्ट में जोगी की ओर से यह दलील दी गई थी कि जिस एक्ट के तहत अजित जोगी के ख़िलाफ़ अपराध दर्ज हुआ है वह 2013 में अस्तित्व में आया है और जोगी का प्रमाण पत्र 1967 में बना था।
लेकिन शासन की तरफ से अधिवक्ता ने कहा कि यह फर्जी प्रमाण पत्र लगातार नियम के विरुद्ध इस्तेमाल किया जा रहा था। शासन के इस तर्क को सही मानते हुए कोर्ट ने जोगी की याचिका को खारिज कर दिया।