शाम को शराब की ओवर रेटिंग काे लेकर सरकार के सख्त कदम के बारे में बोल रहे थे मंत्री कवासी लखमा
सुबह प्रशासनिक अधिकारियोें की समीक्षा बैठक में कहा, शराबबंदी को लेकर अभी समय लगेगा
रायपुर. छत्तीसगढ़ में शराबबंदी के वायदे के साथ सत्ता में आने वाली कांग्रेस सरकार के मंत्री अब 9 माह ही इससे पीछे हटने लगे हैं। शराबबंदी के सवाल को लेकर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने स्पष्ट कहा कि प्रदेश के लोग नहीं चाहते हैं कि शराबबंदी हो। उन्होंने कहा कि नौ माह के दौरान उन्हें शराबबंदी को लेकर एक भी आवेदन नहीं मिले हैं। हालांकि अगले ही दिन सोमवार सुबह उन्होंने यह भी कहा कि शराबबंदी को नोटबंदी नहीं है, जो इसे रातोंरात लागू कर दिया जाए। इसमें समय लगेगा।
लोगों ने शराब की दुकान खोलने का आवेदन जरूर दिया
- दरअसल, आबकारी मंत्री रविवार शाम को शराब की ओवर रेटिंग को लेकर सरकार की ओर से उठाए जा रहे सख्त कदम की जानकारी दे रहे थे। इसी दौरान उनसे शराबबंदी को लेकर सवाल किया गया। इस सवाल के जवाब में आबकारी मंत्री ने कहा, प्रदेश के लोग ही नहीं चाहते कि शराबबंदी हो। उन्होंने कहा कि नौ माह में सबसे ज्यादा दौरा करने वाले मंत्री हैं और आज तक उन्हें शराबबंदी के लिए एक भी आवेदन नहीं मिला है। हां लोग शराब की दुकान खोलने का आवेदन जरूर देते हैं।
- इसके बाद आबकारी मंत्री ने सोमवार को धमतरी में प्रशासनिक अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेने के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से सरकार की योजनाओं की जानकारी ली। साथ ही अधिकारियों को योजनाओं के क्रियान्यवन करने सहित अन्य आवश्यक निर्देश दिए। इसके बाद आबकारी मंत्री ने वहां भी शराबबंदी के सवाल को लेकर उन्होंने जवाब दिया। मंत्री ने कहा कि शराबबंदी को कोई नोटबंदी नहीं है जो रातो रात लागू कर दिया जाए। अभी टाइम लगेगा।
आबकारी मंत्री के बयान पर भाजपा ने साधा निशाना
आबकारी मंत्री कवासी लखमा के बयान पर विपक्षी दल भाजपा ने इसे जनता से वायदा खिलाफी और जनादेश का अपमान बताया है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि मंत्री का ये बयान प्रदेश की उन तमाम नारी शक्ति का अपमान है, जिन्होंने शराबबंदी को लेकर प्रदेश भर में अलग अलग स्थानों पर आंदोलन किया. साथ ही कांग्रेस ने अपने जनघोषणा पत्र में भी पूर्ण शराबबंदी का वायदा किया था। ऐसे में मंत्री का ये बयान जनता के साथ धोखा है।