पीडीएस सिस्टम समेत 4 योजनाआें के साथ कांग्रेस की विचार यात्रा
मोदी के नो प्लास्टिक कैंपेन के साथ भाजपा सांसदों की पदयात्रा
रायपुर . महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पहली बार लोगों को कुछ अलग देखने को मिलेगा। इस दिन कांग्रेस आैर भाजपा दोनों ही दलों के नेता सड़क पर उतरकर आम जनता को रिझाते नजर आएंगे। पदयात्रा के बहाने लोगों से मिलकर उनकी समस्या दूर करने का दावा दोनों ही दल के नेता कर रहे हैं। इस दौरान गांवों में आम सभा लेकर वहां रात भी गुजारेंगे। यह भी पहली बार होगा, जब दोनों ही राजनीतिक दल के नेता गांधी के नाम पर सड़क से सदन तक एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे। केन्द्र सरकार इस दिन जहां नो प्लास्टिक कैंपेन के साथ सांसदों की पदयात्रा का आयोजन करेगी वहीं कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ में चार बड़ी योजनाएं लांच कर रही है।
मुख्यमंत्री समेत प्रदेश के मंत्री, सांसद, विधायक पदयात्रा-सभा करेंगे फिर गांवों में गुजारेंगे रात
राज्य सरकार इस दिन मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना और सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली जैसी चार बड़ी योजनाएं लांच करने जा रही है। दो अक्टूबर को राजधानी में एक हजार बच्चे गांधी के वेश में सीएम के साथ पदयात्रा करेंगे। 4 से 10 अक्टूबर तक कंडेल से रायपुर तक 73 किलोमीटर की पदयात्रा होगी। इसमें मुख्यमंत्री बघेल, मंत्रिमंडल के सभी सदस्य और विधायक शामिल होंगे। इस दौरान जगह-जगह आमसभाएं होंगी और आखिरी दिन रायपुर में एक बड़ी सभा का आयोजन होगा। इसके बाद हर ब्लॉक में 11 से 17 अक्टूबर तक गांधी विचार पदयात्राएं। इसी तरह 2 अक्टूबर 2019 से 2 अक्टूबर 2020 तक एक साल तक सेमिनार, भाषण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
केन्द्र सरकार इस दिन देशभर में नो प्लास्टिक कैंपेन लांच करने जा रही है। केन्द्र सरकार के निर्देश पर हत्या, रेप आैर करप्शन छोड़कर अन्य छोटे मामलों में जेल में बंद आरोपियों को छोड़ा जाएगा। वहीं भाजपा के सभी सांसद अपने-अपने क्षेत्र में पदयात्रा करेंगे। इसके माध्यम से पार्टी पदयात्रा में सांसदों को सभी बूथ को कवर करने का लक्ष्य दिया गया है। सभी लोकसभा क्षेत्रों में 15-20 टीमें बनाई जाएंगी। हर टीम के साथ सांसद को प्रतिदिन 15 किलोमीटर की पदयात्रा करनी है। इस दौरान महात्मा गांधी के विचारों, शिक्षा का प्रचार करेंगे, पौधरोपण करेंगे। केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को बताएंगे। साथ ही, पदयात्रा के दौरान लोग जो भी समस्याएं बताएंगे, उसका निराकरण करेंगे।