बिलासपुर। सीपत थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत सोंठी में आदिवासी परिवार का हुक्का पानी बंद कराने का मामला सामने आया है। आदिवासी परिवार का आरोप है कि दबंगों ने पहले साजिश कर उनका हुक्का-पानी बंद करा दिया। अब सरपंच से मिलकर घर से बेघर का दिया गया है। उनकी जमीन पर आंगनबाड़ी भवन बनवाया जा रहा है। कसूर सिर्फ इतना है कि उन्होंने दबंगों को तालाब से मछली चोरी करते हुए पकड़ लिया था।
ग्राम पंचायत सोंठी के आश्रित ग्राम कुंदरूनार निवासी राधेश्याम गोंड अपने परिवार के साथ सोमवार को कलेक्टोरेट पहुंचे थे। उन्होंने कलेक्टर और एसपी के नाम एक अर्जी सौंपी है। राधेश्याम का कहना है कि उनके पूर्वज करीब 50 साल पहले गांव आए। यहां मकान और बाड़ी बनाकर रह रहे थे। उनके निधन के बाद अब वह उस जमीन पर काबिज है। स्व सहायता समूह गांव के सुखरी तालाब में मछली पालन करता है, जिसका वह अध्यक्ष है। उसका आरोप है कि करीब 6 माह पहले वह रात में शौच करने उठा तो देखा कि गांव के रघुनाथ पिता दरबार सिंह, शिवनाथ सिंह पिता दरबार सिंह और सुखे पिता अवध धीवर मछली मार रहे हैं।
दूसरे दिन इसकी जानकारी उसने गांव के बड़े-बुजुर्गों को दी, जिस पर गांव में बैठक बुलाई गई। कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन के अनुसार मछली चोरी का आरोप साबित होने पर तीनों पर एक-एक हजार जुर्माना किया गया। जुर्माने का पैसा देना तो दूर, अब तीनों लोगों ने राधेश्याम से दुश्मनी पाल ली है। आरोप है कि गांव की महिला सरपंच कुमारी बाई ने मिलीभगत कर गांव में सामाजिक बैठक बुलाई गई, जिसमें झूठे आरोप लगाकर गांव में उसके परिवार का हुक्का-पानी बंद करा दिया गया। राधेश्याम के अनुसार पूर्व में पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर अवधर गोंड के घर के पास स्थित सरकारी जमीन पर आंगनबाड़ी भवन की नींव डाली गई और डीपीसी भी की गई थी, लेकिन अब रंजिश के तहत राधेश्याम के घर को तोड़ दिया गया है, जहां पर आंगनबाड़ी भवन बनाने की तैयारी की जा रही है।