रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज दुर्ग जिले के विकासखण्ड पाटन के ग्राम बटरेल में लगभग 20 करोड़ रुपये के विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बटरेल में लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों के हितों के प्रति सरकार संकल्पित है। अभी किसानों का धान 1815 और 1835 रुपये में खरीदा जा रहा है। बजट में प्रावधान कर योजना के तहत शेष राशि किसानों को हस्तांतरित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने बोनस देने वाले राज्यों से धान खरीदी पर प्रतिबंध लगाया है। इस संबंध में केंद्र से लगातार छत्तीसगढ़ की विशिष्ट स्थिति को देखते हुए अनुरोध किया गया है कि हमें किसानों को 2500 रुपये में धान खरीदने की अनुमति दें। पंजाब और हरियाणा में किसान तीन फसल लेते हैं। हमारे यहां तो किसान केवल एक ही फसल लेते हैं इसलिए किसानों को धान का पर्याप्त दाम मिलना चाहिए ताकि किसान पूरी तरह संतुष्ट हों। उन्होंने कहा कि हम किसानों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह संकल्पित हैं। योजना के तहत किसानों के खाते में शेष राशि हस्तांतरित करेंगे। बघेल ने कहा कि ओडिशा में कालियन और तेलंगाना में रायतु योजना है। इनके माध्यम से वहां किसानों के हितों का ध्यान रखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भी इसी तरह से योजना बनाकर किसानों को शेष राशि हस्तांतरित करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठान किसानों के हैं, इन्हें जितना सहेजेंगे, यह विकास के लिए उतने ही बड़े माध्यम साबित होंगे। उन्होंने किसानों से कहा कि गोबर के माध्यम से कम्पोस्ट खाद बनाए। जैविक खेती का अच्छा बाजार उपलब्ध है, यदि किसी कारण से बाजार की उपलब्धता नहीं हो पा रही है तो सरकार इसे क्रय करेगी। बघेल ने गौठान के संचालन के लिए पैरा दान करने की अपील ग्रामीणों से की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पाटन क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए सरकार संकल्पित है। इसके लिए बड़ी योजना बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बटरेल के स्वास्थ्य केंद्र के उन्नयन कार्य व जीर्णोद्धार कार्य का शुभारंभ किया। साथ ही 2 करोड़ 43 लाख की लागत से बने झींट स्वास्थ्य केंद्र का लोकार्पण भी किया। मोरिद एवं खुदमुदा स्वास्थ्य केंद्रों के लोकार्पण के साथ ही उन्होंने रानीतराई, गाड़ाडीह एवं अचानकपुर केंद्र का भूमिपूजन भी किया। ग्रामीणों की मांग पर उन्होंने स्कूल परिसर में बाउंड्री वॉल की घोषणा भी की। बघेल ने इस अवसर पर 300 दिव्यांगजनों को सामग्री और बच्चों को जाति प्रमाणपत्र का भी वितरण किया।