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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों और गरीब वर्ग को उपलब्ध होगी आवास सुविधा: गृह निर्माण समितियों का गठन करने आदर्श उप-विधि निर्धारित

कमिश्नर, कलेक्टर, संयुक्त पंजीयक और सहायक पंजीयकों को निर्देश जारी

समिति के सदस्यों के लिए प्रति सदस्य 5 हजार रूपए की अंशपूंजी नियत

न्यूनतम 21 सदस्यों में से 5 तकनीकी ज्ञान के व्यक्ति को सदस्य बनाना आवश्यक

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार अब प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों और गरीब वर्ग के नागरिकों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी आवास समितियों के जरिए व्यवस्थित और सुविधा युक्त गृह निर्माण होगा। मुख्यमंत्री द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रस्तावित प्राथमिक गृह निर्माण सहकारी समितियां के लिए आदर्श उप-विधि का अनुमोदन कर दिया गया है। सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के निर्देश पर सहकारिता विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह प्रस्ताव भेजा गया था। सहकारिता विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 और छत्तीसगढ़ सोसाइटी नियम 1962 के प्रावधानों के तहत ग्रामीण गृह निर्माण सहकारी समिति के गठन एवं पंजीयन करते हुए नियमानुसार भूमि आंबटन करने के निर्देश सभी संभाग आयुक्त, कलेक्टर, सहकारी संस्थाओं के संयुक्त पंजीयक, सहायक पंजीयक को जारी कर दिए गए हैं।

सहकारिता विभाग द्वारा संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि आदर्श उप-विधि एवं ग्रामीण क्षेत्र में गृह निर्माण सहकारी समिति के उद्देश्य एवं प्रक्रिया का पालन करते हुए कार्यवाही सम्पादित करें। निर्धारित आदर्श उप-विधि के महत्वपूर्ण बिन्दु इस प्रकार है- ग्रामीण क्षेत्रों में पक्के आवास का निर्माण एवं व्यवस्थित विन्यास के साथ मूलभूत सुविधाओं से युक्त कालोनी के विकास को प्रोत्साहित करना।

ग्रामीण अंचल में गृह निर्माण सहकारी संगठन का निर्माण और पंजीयन कर ग्राम में स्थित शासकीय भूमि नियमानुसार विधिवत आंबटित कर स्वयं के संसाधनों अथवा संस्थागत वित्तीय ऋण प्राप्त कर ग्रामीणों के लिए पक्के मकान निर्माण करना। आवासहीन अथवा जीर्णशीर्ण मकान धारक के लिए राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानानुसार रियायती दर पर भू-खण्ड प्राप्त करना और सक्षम अधिकारी से अनुमोदित विन्यास के आधार पर समुच्चय में गृह निर्माण करना।

आदर्श उप-विधि अनुसार समिति के सदस्यों के लिए प्रति सदस्य 5 हजार रूपए की अंशपूंजी नियत की गई है। आदर्श उप-विधि में प्रस्तावित गृह निर्माण समितियों में न्यूनतम 21 सदस्यों में से 5 तकनीकी ज्ञान (सिविल इंजीनियर, आईटीआई) के व्यक्ति को सदस्य बनाना आवश्यक होगा।

जिले के उप या सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकृत की गई गृह निर्माण सहकारी समितियों में निर्धारित की गई आदर्श उप-विधियां अंगीकरण करते हुए लागू होंगी। पंजीकृत सहकारी समितियों को ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि का आंबटन छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 और आरबीसी के अंतर्गत विहित प्रावधान एवं रीति अनुसार सक्षम प्राधिकारी कलेक्टर या शासन (राजस्व विभाग) द्वारा ही आवेदनानुसार किया जाएगा। इस निमित्त गठित सहकारी समिति प्रयोजन के लिए निजी भू-धारको से भूमि क्रय कर सकेगी, किन्तु भू-राजस्व संहिता 1959 एवं नगर एवं ग्राम निवेश के उपबंध यथावत लागू होंगी।

ग्राम पंचायत का आबादी भूमि आबंटन का अधिकारी यथावत रहेगा। समिति द्वारा छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 के प्रावधानों का पालन किया जाएगा। ग्राम पंचायत के अनुमोदन से ग्राम पंचायत का लाभान्विती समिति का सदस्य होने पर समिति सदस्य का गृह निर्माण करवा सकेगी।

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