दुनिया ने कोरोना वायरस का कोई टीका नही खोजा है. जिसकी वजह से केवल इस वायरस से बचा जा सकता है. बता दे कि कोरोना वायरस के खिलाफ शारीरिक दूरी का सिद्धांत अहम है. इसके लिए लॉकडाउन के बाद दूसरा सबसे सुरक्षित उपाय मास्क है. विश्व स्वास्थ संगठन समेत तमाम स्वास्थ्य विशेषज्ञों में ही मास्क को लेकर दो राय है कि इसे अनिवार्य किया जाना चाहिए या नहीं.
आपकी जानकारी के लिए बात दे कि एक राय है कि मास्क पहनने में कोई बुराई नहीं है, लोग अपनी सुविधा के अनुसार मास्क जरूर पहनें. भारत में प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार ने भी लोगों को कहा है कि वे मास्क पहनें, ताकि कोरोना वायरस से लड़ाई में बड़ा सहयोग मिल सके.
लेकिन इसके बावजूद भी एक सवाल यह उठता है कि देश में एन-19 और एन-99 मास्क की कमी है. सरकार ने उपलब्ध संसाधनों को मेडिकल फील्ड में काम कर रहे लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगाने को कहा है. मगर देश में सर्जिकल मास्क काफी मात्रा में उपलब्ध हैं और इनकी सप्लाई भी काफी है. हालांकि इसमें एक दिक्कत है. सर्जिकल मास्क को कुछ घंटों के बाद बदल देना चाहिए. ऐसे में इसे पहनना भी आर्थिक रूप से महंगा साबित हो सकता है. ऐसे में सरकार ने सलाह दी है कि लोग घर पर सूती कपड़े के मास्क बनाएं और इन्हें पहनें, सिर्फ इन्हें हर बार प्रयोग के बाद अच्छी तरह धो लें.