रायपुर। कोरोना वायरस की संक्रमण की रोकथाम के लिए घोषित लाॅकडाउन में उत्पन्न परिस्थितियों के कारण प्रदेश के गरीबों, मजदूरों और निराश्रितों के लिए राज्य सरकार द्वारा भोजन, राशन आदि की व्यवस्था की जा रही है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐसी चुनौतीपूर्ण एवं आपातकालीन स्थिति में कोई भी गरीब मजदूर तथा घुमंतु परिवार एवं अन्य व्यक्तियों के लिए भूख की स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए चाक-चौबंद व्यवस्था सुनिश्चित करने अधिकारियों को निर्देशित किए हैं। साथ ही उन्होंने स्वयं सेवी संस्थानों, नगरवासियों, वार्डवासियों और ग्रामीणों से ऐसे लोगों की सहातया करने की अपील की। मुख्यमंत्री बघेल के निर्देशन एवं अपील पर 3 अप्रैल की स्थिति में प्रदेश के विभिन्न जिलों में 3 लाख 75 हजार से अधिक गरीबों, मजदूरों और निराश्रितों को भोजन कराया गया, वहीं राशन आदि अन्य जरूरी सामानों की भी व्यवस्था की गई है।
राज्य सरकार एवं विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा 84 हजार 564 गरीबों, मजदूरों और निराश्रितों को भोजन कराया गया। 47 हजार 573 लोगों के लिए निःशुल्क राशन आदि की व्यवस्था की गई। स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा 74 हजार 330 गरीबों और निराश्रितों को भोजन कराया गया और एक लाख 68 हजार 648 लोगों को मास्क आदि वितरित किया गया।
राज्य शासन एवं स्वयं सेवी संस्थाओं सहित नगरवासियों, वार्डवासियों द्वारा प्रदेश के सुकमा जिले में 4 हजार 525 गरीबों, मजदूरों और निराश्रितों को भोजन, राशन, मास्क आदि प्रदान किया गया। इसी प्रकार राजनांदगांव जिले में 22 हजार 287, रायगढ़ जिले में 58 हजार 173, बस्तर जिले में 11 हजार 554, कांकेर जिले में 34 हजार 946, बीजापुर जिले में 871, जशपुर में एक हजार 633, कोरिया में 10 हजार 25, सूरजपुर में एक हजार 358, बालोद में 17 हजार 919, कबीरधाम में 612, बलौदाबाजार में 4 हजार 977, धमतरी में 3 हजार 291, दुर्ग में 13 हजार 142, महासमुन्द में 435, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में 524 गरीबों, मजदूरों और निराश्रितों को भोजन, राशन, मास्क और सेनिटाईजन उपलब्ध कराया गया।
इसी तरह कोरबा जिले में 4 हजार 897, सरगुजा में एक हजार 727, जांजगीर-चांपा 2 हजार 595, बिलासपुर में 6 हजार 770, रायपुर में एक लाख 29 हजार 817, कोण्डागांव में एक हजार 875, दंतेवाड़ा में 17 हजार 332, बेमेतरा में 71, गरियाबंद में 9 हजार 952, नारायणपुर में 855, मुंगेली में 11 हजार 617 और गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही में एक हजार 635 गरीबों और मजदूरों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था की गई है।