बिलासपुर। कोरोना संक्रमण के बीच हाईकोर्ट में आज सुनवाई शुरु हुई। यह सुनवाई इसलिये ऐतिहासिक थी क्योंकि हाईकोर्ट में पहली बार वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से सुनवाई की गई।
हाईकोर्ट में जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस गौतम भादुड़ी की डबल बेंच ने उन पाँच मामलों की सुनवाई की, जो जनहित याचिका के रुप में प्रस्तुत किए गए थे। राज्य की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने सहयोगी चंद्रेश श्रीवास्तव और हरप्रीत अहलूवालिया के साथ अपने निवास से जबकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने अपने निवास से इन प्रकरणों पर पक्ष प्रस्तुत किया।
हाईकोर्ट की डबल बैंच जिसमें जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस गौतम भादुड़ी शामिल हैं, उन्होंने हाईकोर्ट से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से मामले की सुनवाई की।
जो पाँच जनहित याचिकाएं थीं उनमें लॉकडॉउन की वजह नागरिक अधिकार और संक्रमण से सुरक्षा व्यवस्था के मसले थे।
राज्य की ओर से जानकारी दी गई कि, नागरिकों को खाद्यान्न मुहैया कराया जा रहा है.. जिन्हें राशन कार्ड नहीं मिले हैं उन्हें भी राशन दिया जा रहा है। वहीं पाँच लाख से उपर की संख्या उन नागरिको की है, जिन्हें गर्म भोजन दिया जा रहा है। नागरिको को लगातार सुरक्षा हेतु मास्क उपलब्ध कराया जा रहा है।लॉकडॉउन में शराब दुकानें बंद रहें इसके लिए दायर याचिका के जवाब में हाईकोर्ट ने 13 अप्रैल को राज्य से स्टेट्स रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
एक जनहित याचिका बिलासपुर में पुलिस द्वारा मारपीट को लेकर दायर की गई थी, जिस पर राज्य ने जवाब में स्पष्ट किया है कि, इस मामले में पीड़ित ने कोई शिकायत नहीं की है, लेकिन एसपी ने आरोपी बताए अधिकारी को लाईन अटैच कर विभागीय जाँच शुरु कर दी है।
एक अन्य याचिका तबलीग जमात को लेकर थी जिसमें कहा गया था कि वायरल लिस्ट में 150 से अधिक नाम है, जिस पर राज्य की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने कहा “ऐसी किसी वायरल लिस्ट की कोई प्रामाणिकता नहीं है..हमें जिनकी तलाश थी वे 109 थे हमने उन्हें क्वारनटाईन कर लिया है” इस पर हाईकोर्ट ने लिखित में आगामी 27 अप्रैल को स्टेट्स रिपोर्ट माँगी है।