विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को आगाह किया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगायी गई पाबंदियां अगर जल्दबाजी में खत्म की गईं तो इसके घातक परिणाम हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडहानोम घेब्रेयासस ने जिनेवा में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”हर किसी की तरह डब्ल्यूएचओ भी पाबंदियां खत्म होते देखना चाहता है। लेकिन, जल्दबाजी में पाबंदियां खत्म करने से घातक परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ”अगर हम सही तरीके से इससे नहीं निपटेंगे तो इसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं।
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस घेब्रेयेसस ने कहा कि कोविड-19 महामारी की मृत्यु दर इन्फ्लुएंजा से 10 गुना अधिक है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने जेनेवा में गुरुवार को कोविड-19 पर हुई ब्रीफिंग में डब्ल्यूएचओ प्रमुख के हवाले से कहा, “पूरी दुनिया में इस महामारी से अब तक 13 लाख (1.3 मिलियन) से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 80 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।”
उन्होंने कहा, “यह महामारी स्वास्थ्य संकट से बहुत अधिक है। इसके लिए पूरी तरह से सरकार के और पूरे समाजक के सहयोग की आवश्यकता है।” दुनिया अभी भी उस तबाही की गवाह नहीं बनी है, जो गरीब और अधिक कमजोर देशों में इस महामारी के फैलने से हो सकती है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, “ठीक से मदद और उचित कार्रवाई के बिना गरीब देशों और कमजोर समुदायों को भारी नुकसान हो सकता है।”
उन्होंने चेताते हुए कहा, “वायरस को सब-नेशनल और नेशनल लेवल पर रोकने को लेकर मौके छूट रहे हैं। अफ्रीका में संक्रमण की संख्या अभी के लिए अपेक्षाकृत कम है, लेकिन मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।” घेब्रेयेसस ने कहा, “जैसा कि मैंने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमें राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर इस वायरस का राजनीतिकरण करने से बचना चाहिए। हमें एक साथ काम करना होगा, और हमारे पास बबार्द करने के लिए समय नहीं है।”